HINDI BRIDGE COURASE 9TH HINDI अध्याय - 8 हेलेन केलर

 BRIDGE COURSE HINDI 

Class - 9th

अध्याय -  8     

       हेलेन केलर 

कक्षा 9वीं हिन्दी ब्रिज कोर्स पाठ 8 

गायत्री कोचिंग क्लासेस 



         हेलेन केलर


मनुष्य के दृढ़ इच्छाशक्ति मज़बूत इरादे व आत्म-विश्वास उसकी शारीरिक अपंगता को भी परास्त करने में सक्षम हैं। हेलेन केलर एक ऐसी महिला थीं, जिन्होंने अपनी शारीरिक बाधाओं को पार कर सफलता की अनूठी मिसाल कायम की।

27 जून, 1880 में अमेरिका में तस्कंबिया नामक छोटे से कस्बे में हेलेन केलर का जन्म हुआ। उनकी माता का नाम कैथरीन एडम्स केलर और पिता का नाम कैप्टन आर्थर था। पिता एक साप्ताहिक अखबार के संपादक थे। 19 माह की आयु में तेज़ बुखार ने उन्हें दृष्टिहीन और बधिर बना दिया था। बेटी की यह स्थिति माता-पिता से देखी नहीं जाती थी। हेलेन के बचपन के ये सबसे कठिन दिन थे। ऐसे में हेलेन की माँ उनकी पहली गुरू बनीं। उन्होंने उसे कई छोटे-छोटे काम सिखाए।

एक दिन हेलेन की माँ ने समाचार पत्र में बोस्टन की परकिन्स संस्था के बारे में पढ़ा। हेलेन के माता-पिता वहाँ गए और उन्होंने वहाँ की संरक्षिका से घर आकर हेलेन को पढ़ाने का अनुरोध किया। वे तैयार हो गईं। एनी सुलिवन एक ऐसी गुरू थीं, जिन्होंने प्रेम, धैर्य व लगन का परिचय देते हुए न केवल हेलेन को प्रशिक्षित किया, अपितु उनकी अंधकारमय ज़िन्दगी में उमंग व उत्साह का संचार भी किया। हेलेन ने संकल्प शक्ति व कठिन अभ्यास द्वारा लैटिन, फ्रेंच और जर्मन भाषा का ज्ञान प्राप्त किया। आठ वर्षों के घोर परिश्रम से उन्होंने स्नातक की डिग्री प्राप्त की। सुलीका की सहायता से हेलेन ने महात्मा गाँधी, रवीन्द्र नाथ टैगोर, कार्ल मार्क्स, टॉलस्टॉय आदि अनेक महान दार्शनिकों व साहित्यकारों की रचनाओं का अनुवाद किया और मौलिक ग्रंथ भी लिखे। हेलेन को घुड़सवारी का भी बहुत शौक था। यह परिस्थितियों से हार न मानने वाली महिला थीं। एक बार उन्होंने कहा था, "ज़िन्दगी के पहले उन्नीस महीनों में मैंने जिन विस्तृत हरे-भरे खेतों, चमकदार आकाश, पेड़-पौधों और फूलों की झलक देखी थी, उस पर मेरा अंधापन कभी भी कैंची नहीं फेर सका। यदि हमने एक बार दिन को देखा है, तो फिर चाहे जैसा भी दिन आए, दिन तो हमारा ही है।"

हेलेन केलर ने छः बार विश्व भ्रमण करके करोड़ों रुपयों की धन राशि एकत्र की व विकलांगों के लिए अनेक संस्थानों का निर्माण किया। वे एक स्वावलंबी महिला थीं। उन्हें अपने लगभग सभी कार्य स्वयं ही करना पसंद था। हिम्मत और हौसले की अ‌द्भुत मिसाल र्थी- हेलेन केलर। एक बार उन्होंने कहा था, "विश्वास ही वह शक्ति है, जिसकी बदौलत ध्वस्त हुआ संसार भी सुख की रोशनी में आबाद हो सकता है।"


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    कार्यपत्रक-1      

श्रुतलेख - शिक्षक द्वारा बोले गए शब्दों को लिखिए।
               
                               कार्यपत्रक-2       


रिक्त स्थान में सही उपसर्ग चुनकर लिखिए ।
 
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हेलेन केलर परिस्थितियों  से हार नहीं मानती थीं।

एनी ने हेलेन को प्रशिक्षित किया।

ध्वस्त संसार सुख रोशनी आबाद हो सकता है।

उन्होंने अपनी कमजोरियों पर विजय प्राप्त की।

हेलेन  को संरक्षिका एनी सुलिवन बनीं।

हेलेन हिम्मत और हौसला  की अदभुत मिसाल थीं।

हेलेन केलर ने  ब्रेल लिपि में कई पुस्तकों का अनुवाद किया।







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