Class 10th हिन्दी पद्य से संबधित महत्वपूर्ण प्रश्न Ncert solution
पद्य खण्ड पर आधारित प्रश्न
1. गोपियों ने उध्दव से योग की शिक्षा कैसे लोगों को देने की बात कही है ? (2)
उत्तर- गोपियों ने उद्धव से योग की शिक्षा चंचल मन वाले लोगों को देने की बात कही है। जिनका मन कभी कहीं और कभी कहीं रहता हो उन्हें योग की शिक्षा दी जानी चाहिए जिससे उनकी चंचलता समाप्त हो सके। गोपियाँ कहती हैं कि हमारा मन तो श्रीकृष्ण के प्रेम में एकनिष्ठ है, वह चंचल नहीं है। इसलिए हमारे लिए योग व्यर्थ है।
2 'राम- लक्ष्मण-परशुराम संवाद' पाठ के आधार पर राम के स्वभाव की दो विशेषताएँ लिखिए ?
उत्त्तर :-
(1) राम स्वभाव से कोमल और विनयी हैं।
(2) उनके मन में बड़ों के प्रति श्रद्धा और आदर है।
(3) वे गुरुजनों के सामने झुकना अपना धर्म समझते हैं।
(4 ) वे महाक्रोधी परशुराम के क्रुद्ध होने पर भी स्वयं को उनका दास कहते हैं।
3. फागुन में ऐसा क्या होता है जो बाकी ॠतुओं से भिन्न होता है ? (2)
उत्तर- फाल्गुन में वसंत ऋतु आती है। इस समय पेड़-पौधे हरे लाल पत्तों, रंग-बिरंगे फूलों से लदे होते हैं। चारों ओर भीनी -भीनी सुगन्धित हवा चलती है। न सर्दी होती है न गर्मी, मौसम मनोहर होता है। पक्षी चहचहाते रहते हैं। यह ऋतु ऋतुओं की राजा मानी गई है। इतना सुहावना तथा मनोहर वातावरण अन्य किसी ऋतु में नहीं होता है। इसीलिए फाल्गुन अन्य ऋतुओं से भिन्न होता है।
4 .कवि नागार्जुन के अनुसार फसल क्या है ?
उत्तर - कवि के अनुसार फसल नदियों के पानी का जादू है, किसानों के हाथों की महिमा है, भूरी, काली, संदली मिट्टी का गुणधर्म है, सूर्य की किरणों का रूप परिवर्तन है तथा हवा की थिरकन का सिमटा हुआ संकोच है।
5 . गोपियों के अनुसार राजा का धर्म क्या होना चाहिए ?
अथवा
6 राम-लक्ष्मण परशुराम संवाद पाठ के आधार पर लक्ष्मण के स्वभाव की कोई दो विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर :-राम-लक्ष्मण परशुराम संवाद पाठ के आधार पर लक्ष्मण के स्वभाव विशेषताएँ :-
1. लक्ष्मण बहुत उग्र और प्रचण्ड हैं। उनकी जबान तीखी हैं।
2. वे व्यंग्य-वचनों से परशुराम को पीड़ित करते हैं।
3. अपने से बड़े तथा गुरू जैसे व्यक्ति को भी भला-बुरा कहने से बाज नहीं आते।
4. उनकी उग्रता और कठोर वचनों को सुनकर सभाजन भी उन्हें अनुचित कहते हैं।
7 . कवि सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला की आँख फागुन की सुन्दरता से क्यों नहीं हट रही है? लिखिए ?
उत्तर – उत्तर-फाल्गुन मास में प्रकृति का सौन्दर्य अपने चरम पर है। पेड़-पौधे पत्तों से लदे हैं। चारों तरफ रंग-बिरंगे फूलों की शोभा बिखरी है। भीनी-भीनी सुगन्ध सभी ओर से आ रही है। प्रकृति की सुन्दरता इतनी मनोरम है कि उससे कवि की आँख हटना नहीं चाहती है।
8 बच्चे की दंतुरित मुसकान का कवि नागार्जुन के मन पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर-बच्चे की दंतुरित मुस्कान का कवि के मन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। वे दाँत निकलते बच्चे को मुस्कुराते हुए देखकर प्रसन्नता से भर जाते हैं। उन्हें लगता है कि बच्चे की मुस्कान इतनी जीवन्त है कि यह मृत व्यक्ति में भी प्राण डाल सकती है। इस मुस्कान के प्रभाव से कठोर-से-कठोर पत्थर तथा काँटेदार वनस्पतियाँ भी मुलायम एवं कोमल हो उठती हैं।
9 . मरजादा न लही के माध्यम से कौन-सी मर्यादा न रहने की बात कही है ?
उत्तर — उत्तर- प्रेम की मर्यादा है कि प्रेम के बदले प्रेम किया जाना चाहिए, किन्तु श्रीकृष्ण गोपियों में प्रेम भाव जगाकर स्वयं मथुरा चले गए। वहाँ से उन्होंने जिन उद्धव को भेजा उन्होंने योग का संदेश दिया, कृष्ण के लौटने या उन्हें याद करने की बात ही नहीं की। इससे स्पष्ट है कि श्रीकृष्ण ने प्रेम की मर्यादा का पालन नहीं किया उसी को 'मरजादा न लही' कहा गया है।
10 परशुराम के क्रोध करने पर लक्ष्मण ने धनुष टूट जाने के लिए कौन-कौन से तर्क दिए? कोई दो तर्क लिखिए।
उत्तर —परशुराम के क्रोध करने पर लक्ष्मण ने धनुष टूट जाने के लिए निम्नलिखित तर्क दिए -
(1) धनुष अत्यन्त पुराना था अतः वह टूट गया। (2) वह जीर्ण-शीर्ण अवस्था में अर्थात् कमजोर था अतः राम के छूते हो टूट गया।
11. स्मृति को पाथेय बनाने से कवि प्रसाद का क्या तात्पर्य है ?
उत्तर —कवि प्रसाद जी के दुःख भरे जीवन में कुछ स्मृतियाँ ऐसी रहीं हैं जो उन्हें प्रेरणा, ऊर्जा तथा जीवन्तता प्रदान करती रहीं । वे स्मृतियाँ उनकी अपनी सम्पत्ति रहीं, वे उन्हें उजागर नहीं करना चाहते हैं। जो प्रिय के साथ मधुर रातें व्यतीत हुईं जिनमें उन्होंने खिल-खिलाकर हँसते हुए वार्तालाप किया वह उन्हें आज भी याद है। ऐसी यादें ही उनके भावी जीवन की पाथेय, सहारा हैं। उन्हीं के सहारे अपना जीवन पथ सरस बनाना चाहते हैं। 12 .कविता का शीर्षक उत्साह क्यों रखा गया है ?
उत्तर-सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' को बादल बहुत प्रिय रहे हैं। वे उन्हें क्रान्ति, नवचेतना के दूत मानते हैं। क्रान्ति या चेतना बिना उत्साह के सम्भव नहीं हैं। इसीलिए कवि ने कविता का शीर्षक 'उत्साह' रखा है। वैसे भी बादलों की गर्जन उत्साहवर्द्धक होती है। बादलों की गर्जना से लोगों में उत्साह का संचार हो जाता है।
14. कविता का शीर्षक उत्साह क्यों रखा गया है ?
उत्तर — सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' को बादल बहुत प्रिय रहे हैं। वे उन्हें क्रान्ति, नवचेतना के दूत मानते हैं। क्रान्ति या चेतना बिना उत्साह के सम्भव नहीं हैं। इसीलिए कवि ने कविता का शीर्षक 'उत्साह' रखा है। वैसे भी बादलों की गर्जन उत्साहवर्द्धक होती है। बादलों की गर्जना से लोगों में उत्साह का संचार हो जाता है। 15 . फसल को हाथों के स्पर्श की गरिमा और महिमा कहकर कवि नागार्जुन क्या व्यक्त करना चाहता है ?
उत्तर- फसल को 'हाथों के स्पर्श की गरिमा' और 'महिमा' कहकर कवि किसानों की मेहनत के महत्त्व को प्रकट करना चाहते हैं। पानी, मिट्टी, सूर्य का प्रकाश, हवा आदि हों और उनका उपयोग कर फसल उगाने वाले किसान का श्रम न हो तो फसल का होना सम्भव नहीं है। इसलिए कवि फसल को हाथों के स्पर्श की गरिमा और महिमा कहते हैं। किसान ही खेत जोतता, पानी लगाता है, निराई-गुड़ाई करता है तब फसल फलीभूत होती है।
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