HINDI BRIDGE COURASE 9TH HINDI पाठ - 2 मिजबान
BRIDGE COURSE HINDI
Class - 9th
अध्याय - 2
मिजबान
एक परिवार में पति-पत्नी रह रहे थे। दोनों बड़े प्रेम से अपना जीवन बिता रहे थे। एक बार उनके घर मेहमान आए तो दोनों बड़े खुश हुए पति ने कहा इनका स्वागत करो बहुत दिनों बाद ये आए हैं। मेहमानों को जलपान कराओ।त
जब साँझ होने लगी तो मेहमान जाने लगे तब पति-पत्नी ने कहा- ऐसे कैसे जाओगे हम बिना रोटी खिलाए आपको जाने नहीं देंगे। मेहमान बड़े खास थे। उनके लिए एक से एक पकवान बने। उन्हें भोजन में पापड़ ज्यादा पसंद था।
थाली परोसने पर मेहमान हाथ मुँह धोकर बैठ गए। थाली में पापड़ न देखकर उन्हें लगा कि पापड़ बाद में परोसा जाएगा। लेकिन जब पति ने हाथ जोड़कर कहा चलो भाई शुरु करो तो मेहमानों का मन बैठ गया। पापड़ की थाली चौके में रखी दिखाई दे रही थी लेकिन वे शर्म के मारे कुछ नहीं बोले। पत्नी गर्म गर्म रोटी बनाने लगी। मेहमान भोजन करने लगे लेकिन ले-देकर उनका ध्यान पापड़ पर ही चला जाता। चूल्हे के पास सिके पापड़ रखे हुए दिखाई दे रहे थे।
मेहमान ने बड़ी रुचि के साथ सभी चीजें खाई भुजिया, बरफी, लड्डू, खीर-पूरी लेकिन उनका ध्यान ले-देकर पापड़ पर ही था। उन्होंने सोचा कि यदि हमने पापड़ नहीं खाए तो ये कैसी मेहमान नवाज़ी। वे मन ही मन सोचने लगे कि भइया-भाभी कब पापड़ परोसें। जब उनकी समझ आया कि उन्हें पापड़ परोसना ध्यान नहीं आएगा तो उन्होंने जुगत लगाने की सोची, जिससे पापड़ खाने को मिल जाए।
मेहमान ने कहा- एक बात बताना तो भूल ही गया। पति-पत्नी बोले कौन सी बात? मेहमान बोले बहुत ज़रूरी बात। कल तो भगवान ने ही मुझे बचाया। यदि भगवान मेरी रक्षा नहीं करते तो मैं तो मर जाता। और आज का भोजन करने को नहीं मिलता। मैं तो कल ही ख़त्म हो जाता। मैं तो बड़े मज़े से जा रहा था। इतने में सरसराते हुए काला नाग आ गया। क्या बताऊँ भाई कि इतना लम्बा सौंप था, यहाँ से लेकर वहाँ तक जहाँ वो पापड़ रखे हैं।
इशारा करते ही पति-पत्नी एक साथ बोले अरे! हम तो पापड़ परोसना ही भूल गए। मेहमान ने कहा- अब रहने दो। पति-पत्नी बोले- ऐसे कैसे रहने दें, ये तो खाने ही पड़ेंगे। मेहमान ने कहा- अच्छा तो अब पापड़ की थाली ले आओ।
संदर्भ - मिज़बान
(बुंदेलखण्डी, लोककथाओं का संकलन)
कार्यपत्रक 1
श्रुतलेख - शिक्षक द्वारा बोले गए शब्दों को लिखिए।
कार्यपत्रक 2
कॉलम 'अ' में दिए गए शब्दों से समान अर्थ रखने वाले शब्दों को कॉलम 'ब' से चुनकर लिखिए -
कॉलम 'अ' -
अतिथि
व्यंजन
आतिथ्य करने वाला
मेहमान नवाज़ी
युक्ति भिड़ाना
कॉलम 'ब' -
जुगत लगाना
जलपान
पकवान
आतिथ्य
मेज़बान
मेहमान
कॉलम 'अ' -
काॕलम 'अ' काॕलम 'ब'
स्वल्पाहार जलपान
अतिथि मेहमान
व्यंजन. पकवान
आतिथ्य करने वाला आतिथ्य
मेहमान नवाज़ी मेज़बान
युक्ति भिड़ाना जुगत लगाना
कार्यपत्रक 3
(i) नीचे दिए गए शब्दों की सूची बनाकर अपने स्वादानुसार नीचे दिए गए वर्ग में लिखिए, इसके अलावा जो आपको पसंद है, उन्हें भी लिखिए।
भजिया, बरफी, लड्डू, खीर-पूरी, मालपुआ, नींबू, पापड़, सेब, पपीता, इमली
मीठा
नापसंद
पसंद
नमकीन
खट्टा
पसंद
नापसंद
पसंद
नापसंद
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(ii) दिए गए संज्ञा शब्दों का वाक्यों में प्रयोग कीजिए।
शब्द वाक्य
मेहमान आज हमारे घर मेहमान आये |
पापड़ मुझे पापड़ बहुत पसंद है |
थाली मेहमान को भोजन की थाली परोसी गई |
पत्नी एक परिवार में पति पत्नी खुशी पूर्वक रहते हैं
भोजन भोजन हमेशा हाथ धोकर करना चाहिए |
(iii) निम्नलिखित में से विशेषण, विशेष्य को छाँटकर लिखिए।
जहरीला साँप, करारे पापड़, गर्म-गर्म रोटी, ख़ास मेहमान
उदाहरण: क्या बताऊँ भाई! इतना लम्बा साँप था।
विशेषण. विशेष्य
लम्बा साँप
जहरीला साप
करारे पापड़
खास मेहमान
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कार्यपत्रक-4
अपने दैनिक जीवन में उपयोग में आने वाले मुहावरों को लिखते हुए उनके अर्थ लिखिए।
कान भरना - चुगली करना
आग बबूला - बहुत अधिक गुस्सा
अंधे की लाठी - एक मात्र सहारा
लोहा लेना - बदला लेना
नौ दो ग्यारह होना - भाग जाना
आख का तारा - बहुत प्रिय
कार्यपत्रक-5
काकी, हलवा, व्यंजन, बूढ़ी, कचोरी, मेहमान, गाँव, शादी
उत्तर -
बूढ़ी काकी को हलवा और कचौरी बहुत पसंद थे | पर घर के लोग किए बनाकर नहीं देते थे एक बार गांव में शादी थी वहां बहुत व्यंजन बने | बूढ़ी काकी उस शादी वाले घर के पास रहती थी बूढ़ी काकी ने शादी वाले दिन हलवा कचौड़ी मिठाई खाई और गीत भी गई थी
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