HINDI BRIDGE COURASE 9TH HINDI पाठ - 7 पं. जसराज
BRIDGE COURSE HINDI
Class - 9th
अध्याय - 7
पं. जसराज
कक्षा 9वीं हिन्दी ब्रिज कोर्स पाठ 7
गायत्री कोचिंग क्लासेस
पं. जसराज.
मेवाती घराने के शास्त्रीय गायक पंचेत जसराज का जन्म 28 जनवरी 1930 को हरियाणा के हिसार में हुआ था। अपने संगीत की शुरुआती शिक्ष अपने निता पंडित मोतीराम जी से ली थी। अपने गायन के ज़रिए अध्यात्म से जोड़ने की कला की वजह से पंडित जसराज को रत्तरज भी कहा जाता है। आप्को 1975 में पद्मश्री. 1990 में पदद्मभूषण और 2000 में पद्मविभूषण से नवाजा गया। उनसे बातचीत के कुछ अंश- पंडित जी. अपने बचपन के बारे में बताएँ अपने माँ-पिता जी और अन्य परिवार वालों के विषय में बताएँ।
आपके पिता जी का निधन जल्दी हो गया था। क्या कुछ याद आता है उनके बारे में?
जय हो! मेरे पिताजी का नाम पंडित मोतीरामजी और माताजी का नाम कृष्णाबाई था। आपने सही कहा। जब में चार साल का ही था तब मेरे पिताजी का निधन हो गया पर उस छोटी सी उम्र में ही में उनसे गाना सीखना शुरू कर चुका था और फिर वो शिक्षा जारी रही।
पंडित जी हममें से हर इंसान ने बचपन में शैतानियाँ ज़रूर की होती हैं, आपको कौन सो सैतानी है जो ताउम्र याद रहेगी?
बात आप नहीं कह रहे हैं, शैतानी तो ज्यादातर लोग करते हैं लेकिन मुझे शैतानी करने का तो समय ही नहीं मिला। जब शैतानी करने की उम्र हुई, तब तक पिताजी हमें छोड़कर जा चुके थे। ऐरो में लगा कि मुझे घर के लिए कुछ करना है 7 साल की उम्र में तो मैंने अपने मंझले भाई के साथ स्टेज पर तबला बजाना शुरू कर दिया था। पंडित प्रताप नारायण जी ने मुझे तबला बजाना सिखा दिया था। जिरा उग्र में बच्चे शैतानी करते हैं, उस उम्र में मैं अपने घर के कामकाज में लग गया था।
अपनी शिक्षा के बारे में बताएँ?
मेरी एक ही शिक्षा है. संगीत की। जैसा मैंने कहा मैं घर के कामकाज में जुट गया था। मेरी पढ़ाई-लिखाई वहीं ख़त्म हो गयी।
आपकी संगीत शिक्षा की शुरुआत कैसे हुई?
मैंने बचपन में ही पिताजी से सीखना शुरू कर दिया था। जब वो नहीं रहे तब भी मैंने अपनी साधना जारी रखी। बाद में जब मैं करीब 15 वर्ष का था तब मेरी संगीत की शिक्षा मेरे बड़े भाई पंडित मणिरामजी के साथ शुरू हुई।
आपको रटेज पर पहला कार्यक्रन कब और कैरो गिला?
मेरा गाने का पहला कार्यक्रम 1952 में काठनाप्डु नेपाल में हुआ। दरअसल रेडिओ पर मैं गाया करता था। मेरा गाना सुनकर वहाँ से बुलावा आया। वहाँ के राजा त्रिभुवन विक्रम थे मेरा पहला कार्यक्रम उनके त्तामने हुआ था। मुझे याद है कि उन्होंने मुझे 5000 मोहर का इनाम दिय था।
आपको जो तमाम सम्मान मिले और उसके साथ श्रोताओं का जो प्यार मिला, उसे कैसे याद करते हैं?
जो सम्मान मिले हैं, उन्हें सम्मान से याद करता हूँ और जो श्रोताओं का प्यार निल्ता है उसको भी बहुत सम्मान से याद करता हूँ। भगवान को लाख लाख शुकाना भेजता हूँ।
कार्यपत्रक-1
श्रुतलेख - शिक्षक द्वारा बोले गए शब्दों को लिखिए।
कार्यपत्रक-2
निम्नलिखित वाक्यों में रेखांकित शब्दों का उपयुक्त पर्यायवाची शब्द विकल्पों में से चुनकर
लिखिए :-
1. अचानक चारों ओर आग प्रज्ज्वलित हो गई
क) शोभा ख) अग्नि ग) समीर. घ) चिंगारी
2. उसके नेत्र में छोटा-सा तिनका चला गया।
क) अलक ख) कनक. ग) नयन घ) हस्त
3. उसका मन आनंद से भर गया।
क) अलंकार ख) अपूर्व ग) अभिमान घ) उल्लास
4. हमें ईश्वर का धन्यवाद करना चाहिए।
क) गणेश ख) महादेव ग) अनंग घ) परमात्मा
5. वह नदी के किनारे घूम रहा था।
क) तीर ख) कतार ग) बाण घ) वसुंधरा
6. क्या कुछ याद आता है उनके बारे में।
क) स्मरण ख) स्मृति ग) स्मरणशक्ति घ) याद्दाश्त
7. छोटी उम्र में वह बहुत शैतानी करता था।
क) आयु ख) गिनती ग) युवा घ) बुढ़ापा
8. आज भी उन्हें सम्मान से याद किया जाता है।
क) पूजना ख) आदर. ग) सहारा घ) सामना
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कार्यपत्रक-3
समान अर्थ प्रकट करने वाले शब्द-युग्मों का अपने सरल शब्दों में प्रयोग करते हुए लिखिए।
जैसे- अस्त्र-शस्त्र
अस्त्र हथियार, जो फेंक कर चलाया जाएँ। जैसे- भाला
शस्त्र हथियार, जो हाथ में लेकर चलाया जाएँ। जैसे तलवार
1. अगम -जहां पहुंचा नहीं जा सकता वह अगम है।
दुर्गम - जहां पहुंचना कठिन है वह पहाड़ दुर्गम है
2. ईर्ष्या :-जलन की भावना। वह मुझसे ईर्ष्या करता है।
द्वेष :-विरोध की भावना। उसका मुझे द्वेष है।
3. कार्य :-काम जो हम करते हैं कार्य कहलाता है
कर्तव्य :-वह काम जो नैतिकता के आधार पर करना चाहिए कर्तव्य कहलाता हैं |
4. आज्ञा -मुझे आज्ञा दो कि मैं भी तुम्हारे साथ चलूँ
अनुमति:- हमें सामाजिक कार्य करने के लिए सरकार से अनुमति लेनी चाहिए
5. अभिमान - गर्व की भावना। मुझे अपने देश पर अभिमान है।
अहंकार :-घमंड। अहंकार मनुष्य को पतन की ओर ले जाता है।
6. नमस्ते :-हम अपने से बड़ों को नमस्ते करके सम्मान करते हैं
नमस्कार :-नेताजी ने भाषण देते समय जनता को नमस्कार किया |
कार्यपत्रक-4
पाठ में आए हुए शब्दों के अर्थ लिखकर वाक्य में प्रयोग कीजिए-
शब्द. अर्थ. वाक्य
शुरुआती प्रारंभिक. मैने अभी से पढ़ाना प्रारंभ कर दिया।
रसराज रसों का राजा श्रृंगार रस को रसों का राजा कहा जाता है।
निधन मृत्यु उसका बीमारी के चलते हुए निधन हो गया।
शैतानी मस्ती आज स्कूल में बहुत शैतानी की।
ताउम्र पूरी उम्र मेरे दादाजी ताउम्र ईमानदारी से नौकरी करते रहे।
कामकाज काम मोहन का कामकाज पर ध्यान नहीं लगता।
साधना प्रवास या अभ्यास सफलता प्राप्त करने के लिए निरंतर साधना आवश्यक है।
मोहर सील उसने अपनी बात पर मोहर लगा दी, और अब वह पीछे नहीं हटेगा।
श्रोता सुनने वाले कवि की कविताओं को श्रोता सुनते हैं।
शुक्राना धन्यवाद हमें अपने माता-पिता को धन्यवाद करना चाहिए
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कार्यपत्रक-5
अपनी रुचि के बारे में विस्तार से लिखिए।
उत्तर -
मुझे यात्रा करना और पढ़ना बहुत पसंद है। यात्रा से नई जगहों और संस्कृतियों का अनुभव मिलता है, जबकि किताबें ज्ञान देती हैं। हाल ही में, मुझे डांस सीखने में भी रुचि बढ़ी है। इसके अलावा, मुझे पढ़ाने में भी आनंद आता है, क्योंकि दूसरों को कुछ नया सिखाना अच्छा लगता है। ये सभी रुचियाँ मेरे जीवन को व्यस्त और सार्थक बनाती हैं।
कार्यपत्रक-6
अपने प्रिय शिक्षक के बारे में लिखिए।
उत्तर -
मेरे प्यारे शिक्षक, वे ऐसे थे जिन्होंने मुझे पढ़ना-लिखना सिखाया। वे सब कुछ इतने अच्छे से समझाते थे कि मुझे बहुत मज़ा आता था। जब मुझे कुछ समझ नहीं आता था, तो वे मुझे प्यार से समझाते थे और मुझे हमेशा हिम्मत देते थे। उन्होंने मेरा डर भगा दिया और मुझे सिखाया कि मैं सब कुछ कर सकता हूँ।
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