Class 10th hindi कवि परिचय Ncert class 10th
1. तुलसीदास अथवा नागार्जुन की काव्यगत विशेषताएँ निम्नलिखित बिन्दुओं के आधार पर लिखिए - (2)
i. दो रचनाएँ ii. कला - पक्ष
(i) दो रचनाएँ -
( i). दो रचनाएं - सतरंगे पंखों वाली, प्यासी पथराई आँखे,
युगधारा
(ii) कला पक्ष- इनकी बोली सामान्य बोलचाल की खड़ी बोली है। काव्य विषय इनके प्रतीको के माध्यम से स्पष्ट उभरकर आते है। इन्होंने दोनों ही प्रकार की छन्द बद्ध एवं छन्द मुक्त रचनाएं की है
1. दो रचनाएँ ॥ कला-पक्ष
2 कलापक्ष :- सूरदास ने बृज भाषा में साहित्य रचना प्रारंभ की। सूर की यह भाषा साहित्यिक होते हुए भी आम बोलचाल की भाषा के बहुत निकट है। मार्मिक तथा गंभीर भाव और विचार अभिव्यक्त करने में सूर की भाषा पूर्ण रूप से समर्थ है। सूर की भाषा में प्रसाद तथा माधुर्य गुण की प्रधानता है। शैली की दृष्टि से सूर ने गीतों की पदशैली को अपनाया है। अलंकार और छन्दों के उचित और कलापूर्ण प्रयोग के कारण आपकी रचनाएँ अधिक लोकप्रिय है।
(ii) कला-पक्ष - जयशंकर प्रसाद जी के काव्य की भाषा व्याकरणसम्मत, परिष्कृत एवं परिमार्जित खड़ी बोली है। उनकी भाषा में सहज प्रवाह एवं काव्य सौंदर्य है। उन्होंने रूपक, उपमा, उत्प्रेक्षा, संदेह, विरोधाभास आदि अलंकारों के साथ ही प्रकृति के सफल प्रयोग उन्होंने किए हैं।
4. तुलसीदास अथवा नागार्जुन की काव्यगत विशेषताएँ निम्नलिखित बिन्दुओं के आधार पर लिखिए- i. दो रचनाएँ ii भाव पक्ष
उत्तर :- तुलसीदास
दो रचनाएँ 1. रामचरित मानस, 2. दोहावली, 3. कवितावली, 4. विनय पत्रिका आदि। (ii) भाव पक्ष- गोस्वामी तुलसीदास राम के अनन्य भक्त है। भक्ति को ईश्वर प्राप्ति का साधन मानने वाले कवि तुलसीदास तत्कालीन समाज में भक्त कवि के साथ-साथ समाज सुधारक भी माने गए।
नागार्जुन
(i) दो रचनाएँ —
(i) सतरंगे पंखों वाली,
(ii) युगधारा
भावपक्ष- नागार्जुन जीवन के धरती के जनता के तथा भ्रम के गीत गाने वाले कवि रहे हैं। इन्होंने अपनी कविता में शोषितों एवं शोषक के प्रति विद्रोह का स्वर व्यक्त किया है इसके साथ ही प्रेम सौंदर्य, राष्ट्रीयता, समसामयिक गतिविधियों पर करारे प्रहार किए हैं।
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