Set c hindi solution 10th

                       प्रारूप प्रश्न पत्र  2024

  अभ्यास प्रश्न पत्र (Set :- C) 2024
कक्षा 10वीं 
विषय - हिन्दी 


समय - 3घंटा                                पूर्णांक 75                                                                                                    निर्देश -

1. सभी प्रश्न करना अनिवार्य है |

2. प्रश्न क्र. 1 से 05 तक वस्तुनिष्ठ प्रश्न है | जिनके लिए 1×30 = 30 अंक निर्धारित है | 

3. प्रश्न क्र. 6 से 17 तक प्रत्येक प्रश्न 2 अंक  है | शब्द सीमा लगभग 30 शब्द है |

4. प्रश्न क्र. 18 से 20 तक प्रत्येक प्रश्न 3 अंक  है | शब्द सीमा लगभग 75 शब्द है |

5. प्रश्न क्र. 21 से 23 तक प्रत्येक प्रश्न 4 अंक  है | शब्द सीमा लगभग 120 शब्द है |

6. प्रश्न क्र . 06 से 23 तक सभी प्रश्नों आंतरिक विकल्प दिए गए है


1. सही विकल्प का चयन कर लिखिए- 1×6 = 6 i. आधुनिक काल का आरम्भ माना जाता है- (अ) संवत् 1900 से (ब) संवत् 1050 से

(स) संवत् 1375 से (द) संवत् 1800 से

उत्तर - (अ) संवत् 1900 से


ii. गोपियों के अनुसार कड़वी ककड़ी की तरह है- (अ) कृष्ण प्रेम (ब) योग- सन्देश (स) संसार (द) ब्रजधाम

उत्तर - (ब) योग- सन्देश iii. "रसात्मकं वाक्यं काव्यं परिभाषा है (अ) आचार्य विश्वनाथ की (ब) मम्मट की

(स) पं. जगन्नाथ की (द) भरतमुनि की

उत्तर :- (अ) आचार्य विश्वनाथ की

iv. नेताजी का चश्मा पाठ की विधा है। (अ) व्यंग्य (ब) एकांकी (स) नाटक (द) कहानी

उत्तर :- (द) कहानी v. जो शब्द क्रिया की विशेषता प्रकट करते उन्हें कहते है- (अ) विशेषण (ब) क्रियाविशेषण

(स) रीति विशेषण (द) जाति विशेषण उत्तर — (ब) क्रियाविशेषण vi. भोलानाथ के ललाट पर तिलक सुशोभित होता था (अ) कुमकुम का (ब) भभूत का

(स) चन्दन का (द) सिंदूर का उत्तर :-(ब) भभूत का 2. रिक्त स्थान में सही शब्द का चयन कर लिखिए - 1× 6 =6 1. ..........व्यक्ति अपनी प्रशंसा स्वयं नहीं करते। (क्रोधी/निडर/कायर) उत्तर :- निडर ii. नायक के जीवन की एक घटना का पूर्णता के साथ अंकन .............में किया जाता है (दृश्यकाव्य / खण्डकाव्य /महाकाव्य )

उत्तर :- खणडकाव्य iii काव्य की शोभा बढ़ाने वाले तत्त्वों को कहते ..........है | (अलंकार/रस / काव्य गुण) उत्तर :- अंलकार iv. सच्चे साधु की पहचान उसके...... से होती है। भक्ति/पहनावे/ विचारों)

उत्तर :- विचारों V. ----------- समास में प्रथम पद प्रधान एवं अव्यय होता है (द्वन्द्व /अव्ययीभाव/ द्विगु) उत्तर- :- अव्ययी भाव vi. गंतोक का मतलब........है (पहाड़/पठार/चोटी) उत्तर - पहाड़

3. सही जोड़ी बनाकर लिखिए - स्तम्भ (अ). स्तम्भ (ब) i.झरना, आँसू लहर (क) अज्ञेय (vi) ii.बार-बार मोहि लागि बोलावा' (ख) साक्षात्कार iii.गद्य की प्रमुख विधा (ग) तीन (v) iv आपका बंटी (घ) जयशंकर प्रसाद(i) v. वाच्य के भेद (ड.) पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार(ii) vi अरी ओ करुणा प्रभामय (च) मन्नू भंडारी (IV) (छ) कहानी(iii)

(ज) अन्योक्ति अलंकार 4. एक वाक्य में उत्तर लिखिए- i. आधुनिक कबीर किसे कहा जाता है?

उत्तर :- आधुनिक कबीर नागार्जुन को कहा जाता है | ii. रस के अंगों के नाम लिखिए ?

उत्तर — रस के अंगों के नाम

(i) विभान (ii) अनुभाव (iii) स्थायी भाव (iv) संचारी भाव iii. काशी किसकी पाठशाला है?

उत्तर - काशी संस्कृति की पाठशाला है |


iv. दो स्वरों के आपस में मिलने पर कौन-सी संधि होगी ?

उत्तर :- दो स्वरों के आपस में मिलने पर स्वर संधि होगी | v. जो मीठी वाणी बोलता हो' वाक्यांश के लिए एक शब्द है?

उत्तर - मृदुभाषी vi. श्वेत पताकाएँ किसका प्रतीक है?

उत्तर - श्वेत पताकाएँ शान्ति और अहिंसा का प्रतीक है |

5. सत्य / असत्य कथन लिखिए- i. संगतकार कविता मुख्य गायक का साथ देनेवाले संगतकार की भूमिका के महत्त्व पर लिखी गई है।

उत्तर — सत्य

ii.दोहा और चौपाई मात्रिक छंद है।

उत्तर — सत्य iii. संस्कृति' पाठ व्यंग्य विधा में लिखा गया है।

उत्तर — असत्य iv. लोक+उक्ति से मिलकर लोकोक्ति शब्द बना है।

उत्तर :- सत्य V. माता का अँचल' पाठ की रचनाकार मधु कांकरिया है।

उत्तर – असत्य vi. हिरोशिमा कविता अज्ञेय ने हवाई जहाज में बैठकर लिखी ।

उत्तर - असत्य

6. प्रगतिवाद की कोई दो विशेषताएँ प्रवृत्तियों लिखिए

उत्तर —प्रगतिवाद की दो विशेषताएँ

1) शोषितों से सहानुभूति |

2)आर्थिक व सामाजिक समानता पर बल |

3) ईश्वर केे प्रति अनास्था |


अथवा

नई कविता के कोई दो कवियों के नाम उनकी एक-एक रचना के साथ लिखिए।

उत्तर - कवि का नाम रचनाएँ

1) भवानीप्रसाद मिश्र 'सन्नाटा', 'गीतफरोस' |

2) कुँवर नारायण 'चक्रव्यूह', आमने - सामने

3) नरेश मेहता 'वनपांखी सुनो', 'उत्सव' |

7. तुलसीदास अथवा नागार्जुन की काव्यगत विशेषताएँ निम्नलिखित बिन्दुओं के आधार पर लिखिए- i. दो रचनाएँ ii भाव पक्ष

उत्तर :- तुलसीदास

दो रचनाएँ 1. रामचरित मानस, 2. दोहावली, 3. कवितावली, 4. विनय पत्रिका आदि। (ii) भाव पक्ष- गोस्वामी तुलसीदास राम के अनन्य भक्त है। भक्ति को ईश्वर प्राप्ति का साधन मानने वाले कवि तुलसीदास तत्कालीन समाज में भक्त कवि के साथ-साथ समाज सुधारक भी माने गए।

अथवा

नागार्जुन

(i) दो रचनाएँ —

(i) सतरंगे पंखों वाली,

(ii) युगधारा


भावपक्ष- नागार्जुन जीवन के धरती के जनता के तथा भ्रम के गीत गाने वाले कवि रहे हैं। इन्होंने अपनी कविता में शोषितों एवं शोषक के प्रति विद्रोह का स्वर व्यक्त किया है इसके साथ ही प्रेम सौंदर्य, राष्ट्रीयता, समसामयिक गतिविधियों पर करारे प्रहार किए हैं।

8. मरजादा न लही के माध्यम से कौन-सी मर्यादा न रहने की बात कही है ?

उत्तर — उत्तर- प्रेम की मर्यादा है कि प्रेम के बदले प्रेम किया जाना चाहिए, किन्तु श्रीकृष्ण गोपियों में प्रेम भाव जगाकर स्वयं मथुरा चले गए। वहाँ से उन्होंने जिन उद्धव को भेजा उन्होंने योग का संदेश दिया, कृष्ण के लौटने या उन्हें याद करने की बात ही नहीं की। इससे स्पष्ट है कि श्रीकृष्ण ने प्रेम की मर्यादा का पालन नहीं किया उसी को 'मरजादा न लही' कहा गया है।

अथवा

परशुराम के क्रोध करने पर लक्ष्मण ने धनुष टूट जाने के लिए कौन-कौन से तर्क दिए? कोई दो तर्क लिखिए।

उत्तर —परशुराम के क्रोध करने पर लक्ष्मण ने धनुष टूट जाने के लिए निम्नलिखित तर्क दिए -

(1) धनुष अत्यन्त पुराना था अतः वह टूट गया। (2) वह जीर्ण-शीर्ण अवस्था में अर्थात् कमजोर था अतः राम के छूते हो टूट गया।


9. स्मृति को पाथेय बनाने से कवि प्रसाद का क्या तात्पर्य है ?

उत्तर —कवि  प्रसाद जी के दुःख भरे जीवन में कुछ स्मृतियाँ ऐसी रहीं हैं जो उन्हें प्रेरणा, ऊर्जा तथा जीवन्तता प्रदान करती रहीं । वे स्मृतियाँ उनकी अपनी सम्पत्ति रहीं, वे उन्हें उजागर नहीं करना चाहते हैं। जो प्रिय के साथ मधुर रातें व्यतीत हुईं जिनमें उन्होंने खिल-खिलाकर हँसते हुए वार्तालाप किया वह उन्हें आज भी याद है। ऐसी यादें ही उनके भावी जीवन की पाथेय, सहारा हैं। उन्हीं के सहारे अपना जीवन पथ सरस बनाना चाहते हैं।  अथवा कविता का शीर्षक उत्साह क्यों रखा गया है ?

उत्तर-सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' को बादल बहुत प्रिय रहे हैं। वे उन्हें क्रान्ति, नवचेतना के दूत मानते हैं। क्रान्ति या चेतना बिना उत्साह के सम्भव नहीं हैं। इसीलिए कवि ने कविता का शीर्षक 'उत्साह' रखा है। वैसे भी बादलों की गर्जन उत्साहवर्द्धक होती है। बादलों की गर्जना से लोगों में उत्साह का संचार हो जाता है।


10. प्रबंध काव्य की परिभाषा एवं उनके प्रकार लिखिए

उत्तर — प्रबन्ध काव्य का अर्थ लिखते हुए उसके भेदों का उदाहरण सहित वर्णन कीजिए। उत्तर- प्रबन्ध काव्य विषय प्रधान एवं वर्णनीय होता है। इसमें कथावस्तु के अनुकूल घटना विशेष का क्रमबद्ध रूप से काव्यात्मक वर्णन होता है।


प्रबन्ध काव्य के दो भेद होते हैं - 
(1) महाकाव्य ('रामचरितमानस'), 
(2) खण्डकाव्य ('सुदामाचरित') । 

अथवा वीर रस का एक उदाहरण लिखिए ।

उत्तर — वीर रस — सहृदय के हृदय में स्थित" उत्साह "नामक स्थायी भाव का जब विभाव, अनुभाव और संचारी भाव से संयोग होता है, तब वहाँ वीर रस की उत्पत्ति होती है।

उदाहरण-

बुन्देलों हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी।

खूब लड़ी मरदानी वह तो झाँसी वाली रानी थी॥

11. छंद की परिभाषा एवं उनके प्रमुख प्रकार लिखिए।उत्तर-छंद - जिस रचना में अक्षरों एवं मात्राओं की संख्या निश्चित हो तथा यति, गति एवं तुक आदि का ख्याल रखा जाये, उसे छंद कहा जाता है।

छंद के प्रकार-छंद दो प्रकार के होते हैं-
 (क) मात्रिक छंद, (ख) वर्णिक छंद ।
(क) मात्रिक छंद - जिन छंदों में मात्राओं की गणना की जाती है, उन्हें मात्रिक छंद कहते हैं। दोहा तथा चौपाई मात्रिक छंद हैं।
(ख) वर्णिक छंद - जिन छंदों की रचना वर्णों की गणना के आधार पर की जाती है, उन्हें वर्णिक छंद कहते हैं।

अथवा पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिए।

उत्तर - जहाँ एक ही शब्द का समान अर्थ में एक से अधिक बार प्रयोग होता है। वहाँ पुनरुक्तिप्रकाश अलंकार होता है।

उदाहरण - "पुनि पुनि मुनि उकसहिं अकुलाहीं ।"

यहाँ पुनि' शब्द की समान अर्थ में आवृत्ति हुई है। इसलिए यहाँ पुनरुक्तिप्रकाश अलंकार है।

12. निबन्ध की परिभाषा लिखते हुए किसी एक निबन्धकार का नाम लिखिए।

उत्तर :- बाबू गुलाबराय के अनुसार निबन्ध की परिभाषा "निबंध उस गद्य रचना को कहते हैं जिसमें सीमित आकार के भीतर किसी विषय का वर्णन या प्रतिपादन एक विशेष निजीपन, स्वच्छंदता, सौष्ठव सजीवता और सम्बद्धता के साथ किया गया हो।"

निबन्धकार — हजारी प्रसाद द्विवेदी

अथवा
नाटक और एकांकी में कोई दो अंतर लिखिए। 13. स्वयं प्रकाश अथवा यशपाल की साहित्यिक विशेषताएँ निम्नलिखित बिन्दुओं के आधार पर लिखिए- i. दो रचनाएँ ii भाषा-शैली उत्तर — स्वयं प्रकाश

i. दो रचनाएँ

सूरज कब निकलेगा,

बीच में विनय या


ii भाषा-शैली

भाषा शैली — स्वयं प्रकाश की कहानियों में वास्तविकता की झलक मिलती है। वे विषय की ऊपरी सतह के बजाय उनकी सूक्ष्मता पर अधिक ध्यान देते हैं उनकी रचनाओं में व्याप्त भेदभाव के विरुद्ध आक्रोश दिखाई देता है। स्वयं प्रकाश जी की रचनाओं में रोचक किस्सागोई शैली एवं मध्यमवर्गीय जीवन शैली का चित्रण मिलता है।

यशपाल


रचनाएँ झूठा सच, फूलों का कुर्ता ।


भाषा-शैली— यशपाल जी की भाषा में स्वाभाविकता, सजीवता है। उनकी भाषा अत्यंत सरल, सहज, पात्रानुकूल तथा भावाभिव्यक्ति में समर्थ है। उनकी शैली वर्णनात्मक, संवाद प्रधान तथा प्रभावपूर्ण है। भावों की प्रभावी अभिव्यक्ति के लिए ऊर्दू और अंग्रेजी शब्दों का भी प्रयोग किया गया है |

14. कैप्टन बार-बार मूर्ति पर चश्मा क्यों लगा देता था ?

उत्तर — कैप्टन में देशभक्ति का भाव था इसीलिए वह मूर्ति

पर चश्मा लगाकर अपनी भावना व्यक्त करता था |

अथवा 'एक कहानी यह भी पाठ में लेखिका मन्नू भंडारी के पिता ने रसोई को भटियारखाना' कहकर क्यों संबोधित किया है ?

उत्तर :- उत्तर-लेखिका मन्नू भंडारी के पिता ने रसोई को भटियारखाना इसलिए कहा है कि उनके अनुसार रसोई में काम करने वाली युवतियों की रचनात्मक प्रतिभा जलकर नष्ट हो जाती है। रसोई में काम करने वाली स्त्रियाँ इतनी रचनात्मक नहीं हो पाती हैं। उनकी क्षमता खाना पकाने, सब्जी काटने या नये-नये पकवान बनाने में ही चली जाती है। उनका स्वाभाविक विकास नहीं होता है। 15. शहनाई की दुनिया में डुमरांव को क्यों याद किया जाता है ? (2)

उत्तर —उत्तर- शहनाई की दुनिया में डुमराँव को याद करने के प्रमुख दो कारण हैं-पहला कारण शहनाई बजाने में जो रीड उपयोग में आती है वह डुमराँव में ही सोन नदी के किनारे मिलती है। उसी के सहारे शहनाई बजती है। दूसरा कारण शहनाई के सरताज भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्ला खाँ का जन्म डुमराँव में हुआ था। डुमराँव को इन्हीं दो कारणों से मुख्यतः याद किया जाता है।


अथवा

आग की खोज एक बहुत बड़ी खोज क्यों मानी जाती है ? इस खोज के पीछे क्या प्रेरणा रही होगी ?

उत्तर – आग की खोज सभ्यता की प्रारम्भिक खोजों में से एक है। जब रात में अंधेरा रहता था, जानवरों का खतरा बना रहता था । प्रकाश नहीं था। भूख मिटाने के साधन बहुत कम थे उस समय के मानव कच्चा खाना ही खाते होंगे। इन्हीं कारणों ने आग की खोज की प्रेरणा दी होगी। आग की खोज से प्रकाश मिल गया। जानवरों का भय मिट गया। खाना पकाकर खाया जाने लगा।

16. निम्नलिखित शब्दों का संधि विच्छेद कर नाम लिखिए-

i. उद्गम. ii निर्गुण

उत्तर :- उद्गम = उत् + गम = व्यंजन संधि

निर्गुण = नि: + गुण = विसर्ग संधि अथवा

मुहावरे एवं लोकोक्ति में कोई दो अंतर लिखिए।


17. भोलानाथ और उसके साथियों के खेल और खेलने की सामग्री आपके खेल और खेलने की सामग्री से किस प्रकार भिन्न है? (2)

उत्तर- समय के साथ खेल तथा खेल की सामग्री बदलती रहती है जो खेल और खेल की सामग्री उस समय थी। उनसे भोलानाथ खेलते थे। किन्तु आज खेल भी बदल गए हैं तथा खेल की सामग्री भी बदल गई है। भोलानाथ पेड़ों पर, खेत में, वर्षा में, मिट्टी से, पानी से, कनस्तर से, पत्थर से, घर के सामान से खेलते थे। दुकान लगाते, मिठाई बेचते, नाटक करते थे । किन्तु आज क्रिकेट, हॉकी, वीडियो गेम, कम्प्यूटर, मोबाइल गेम खेलने के साधन हो गए हैं।

अथवा गंतोक को मेहनतकश बादशाहों का शहर क्यों कहा गया है ?

उत्त्तर :- गंतोक के लोगों की मेहनत ही थी कि गंतोक आज भी अपने पुराने स्वरूप को कायम रखे हुए है। उनका अथक प्रयास ही उनकी प्रकृति की धरोहर को संजोय हुए है। यहाँ जीवन बेहद कठिन है पर यहाँ के लोगों ने इन कठिनाईयों के बावजूद भी शहर के हर पल को खुबसूरत बना दिया है। इसलिए लेखिका ने इसे 'मेहनतकश बादशाहों का शहर' कहा है।

या

मेहनतकश का अर्थ है- कठिन परिश्रम करने वाले 'बादशाह' का अर्थ अपनी मर्जी के मालिक । गतोक एक पर्वतीय स्थल है। पर्वतीय क्षेत्र होने के नाते यहाँ परिस्थितियां बहुत कठिन है। अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए लोगों को कठिन परिश्रम करना पड़ता है। यहाँ के लोग इस परिश्रम से घबराते नही और ऐसी कठिनाइयों के बीच भी मस्त और प्रसन्न रहते है। इसलिए गतोक को मेहनतकश बादशाहों का शहर " कहा गया है।

18. निम्नलिखित काव्यांश का संदर्भ प्रसंग सहित भावार्थ लिखिए | (3)

मन की मन ही माँझ रही। कहिए जाइ कौन पै ऊधौ, नाही परत कही।

अवधि अधार आस आवन की तन मन विधा सही। अब इन जोग सँदेसनि सुनिसुनि बिरहिनि बिरह दही ।

उत्तर - अथवा अट नहीं रही है आभा फागुन की तन

सट नहीं रही है।

संदर्भ- पाठ का नाम अट नहीं रही। प्रसंग —प्रस्तुत काव्यांश में फागुन की सुन्दरता का वर्णन |


भावार्थ - फागुन के सौंदर्य का वर्णन करते हुए कवि कहता है कि फागुन सुंदरता समा नहीं पा रही है। फागुन की क्रांति शरीर में सट नहीं पा रही है। 19. निम्नलिखित गद्यांश की संदर्भ प्रसंग सहित व्याख्या लिखिए- (3) बालगोबिन भगत मँझोले कद के गोर- चिट्टे आदमी थे। साठ से ऊपर के ही होंगे। बाल पक गए थे। लम्बी दाढ़ी या जटाजूट तो नहीं रखते थे, किन्तु हमेशा उनका चेहरा सफ़ेद बालों से ही जगमग किए रहता | कपड़े बिलकुल कम पहनते । कमर में एक लंगोटी मात्र और सिर में कबीरपंथियों की सी कनफटी टोपी। जब, जाड़ा आता एक काली कमली ऊपर से ओढ़े रहते |

उत्तर —

संदर्भ- प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्य-पुस्तक क्षितिज के 'बालगोबिन भगत' नामक पाठ से लिया गया है। इसके लेखक श्री रामवृक्ष बेनीपुरी जी हैं। प्रसंग- प्रस्तुत गद्यांश में द्वारा बालगोबिन भगत के व्यक्तित्व का वर्णन किया गया है। व्याख्या- बालगोबिन भगत मँझोले कद के थे। उनकी उम्र करीब साठ उनके चेहरे पर पके बाल और थोड़ी बढ़ी हुई दाढ़ी चमकती रहती थी। उनकी कमर में लंगोटी और सिर पर कबीर पंथी टोपी रहती थी। ठंड के दिनों में वे एक काला कंबल और ओढे रहते थे। मस्तक पर हमेशा चंदन का टीका और गले में तुलसी की माला उनकी पहचान थी। अथवा एक संस्कृत व्यक्ति किसी नयी चीज की खोज करता है, किंतु उसकी संतान वह अपने पूर्वज से अनायास ही प्राप्त हो जाती है। जिस व्यक्ति की बुद्धि ने अथवा उसके विवेक ने किसी भी नए तथ्य का दर्शन किया, वह व्यक्ति ही वास्तविक संस्कृत व्यक्ति है और उसकी संतान जिसे अपने पूर्वज से वह वस्तु अनायास ही प्राप्त हो गई है, वह अपने पूर्वज की भाँति सभ्य भले ही बन जाए संस्कृत नहीं कहला सकता।

उत्तर —

संदर्भ- यह गद्य खण्ड हमारी पाठ्य - पुस्तक के ' संस्कृति ' पाठ से लिया है | इसके लेखक भदंत आनंद कौसल्यायन है |


प्रसंग-यहाँ बताया गया है कि कौन व्यक्ति संस्कृत होगा और कौन सभ्य ।


व्याख्या-लेखक स्पष्ट करते हैं कि अपनी बुद्धि या विवेक द्वारा किसी नये तथ्य का दर्शन करने वाला तथा नया आविष्कार करने वाला व्यक्ति ही संस्कृत व्यक्ति होता है। जिस सन्तान को बिना किसी प्रयत्न के जो चीज खोज करने वाले से मिल गई है वह संस्कृत नहीं कहा जा सकता है । सन्तान को पूर्वज की तरह सभ्य तो कह सकते हैं किन्तु उसे संस्कृत नहीं कहा जा सकता है।


विशेष-

(1) जो आविष्कार करता है, संस्कृत होता है जबकि उसकी सन्तान सभ्य होती है।

(2) विचारात्मक शैली तथा साहित्यिक भाषा को अपनाया है।


20. मेरे प्रिय शिक्षक' विषय पर एक अनुच्छेद लिखिए।

(3) अथवा वार्षिक परीक्षा की तैयारी पर दो मित्रों के मध्य संवाद लिखिए।

21. निम्नलिखित अपठित काव्यांश अथवा गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए- (4)

वीरों का कैसा हो बसंत ? आ रही हिमालय से पुकार

है उदधि गरजता बार-बार

प्राची, पश्चिम, भू-नभ अपार,

सब पूछ रहे हैं दिग- दिगंत वीरों का कैसा हो बसंत ? प्रश्न- i.उपर्युक्त काव्यांश का उपयुक्त शीर्षक लिखिए।

उत्तर —वीरों का कैसा हो बसंत'

ii.वीरों के बसंत के बारे में कौन-कौन प्रश्न पूछ रहे हैं?

उत्तर —वीरों के बसंत के बारे में दिग्-दिगंत अर्थात् सभी दिशाएँ प्रश्न पूछ रही है। 

iii.उपर्युक्त काव्यांश का भावार्थ लिखिए। अथवा पूर्व और नूतन का जहाँ मेल होता है वही उच्च संस्कृति की उपजाऊ भूमि है। मनुष्यों के चरित्र मनुष्यों के कारण स्वयं मनुष्यों द्वारा ही निश्चित किए जाते हैं। हमें दुराग्रहों से मुक्त होकर ही प्रत्येक वस्तु को कसौटी पर कसकर देखना होगा। कर्म से भयभीत व्यक्ति केवल विचारों की उलझन में फँस जाता है तब वह जीवन की किसी नई पद्धति या संस्कृति को जन्म नहीं दे पाता। इसलिए पूर्वकालीन संस्कृति के जो निर्माणकारी तत्व हैं, उन्हें लेकर हम कर्म में लगें और नई वस्तु का निर्माण करें। प्रश्न- i.उपर्युक्त गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक लिखिए।

उत्तर — संस्कृति का स्वरुप

ii.उच्च संस्कृति की उपजाऊ भूमि कौन सी है?

उत्तर —पूर्व और नूतन का जहाँ मेल होता है वही उच्च संस्कृति की उपजाऊ भूमि है।  iii. उपर्युक्त गद्यांश का सारांश लिखिए। 22. अपने विद्यालय के प्राचार्य को बुक बैंक से पुस्तकें प्राप्त करने हेतु आवेदन पत्र लिखिए। (4)

सेवा में, श्रीमान प्राचार्य महोदय शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय

छिन्दवाड़ा मध्य प्रदेश

विषय -बुक बैंक से पुस्तक प्रदान करने हेतु आवेदन पत्र |

महोदय, सविनय निवेदन है मैं आपके विद्यालय का कक्षा 10वीं का छात्र हूं मैं अत्यंत निर्धन परिवार से हूं मेरे पिताजी के मासिक आय बहुत कम जिस वजह से मैं पुस्तक खरीदने में असमर्थ हूं। अतः श्रीमान निवेदन है कि मुझे बैंक से पुस्तक प्रदान करने की महान कृपा करें मैं बुकबैंक में बनाए गए सभी नियमों का पालन करूंगा इसके लिए मैं आपका सदा आभारी रहूंगा ।

धन्यवाद प्रार्थी

दिनांक — नाम - अ ब स

कक्षा-10वी रोल नंबर - 10....


अथवा
प्रतिदिन योग करने के लाभ बताते हुए अपने छोटे भाई को पत्र लिखिए।

उत्तर —

परीक्षा भवन दिनांक: xxxxx प्रिय भाई दिनेश, सस्नेह आशीर्वाद । आशा हैं कि तुम बिल्कुल ठीक व स्वस्थ होंगे और अपनी पढ़ाई मन लगाकर कर रहे होंगे। दिनेश मैं जानता हूं कि हर साल की तरह इस साल भी तुम अपनी कक्षा में प्रथम आओगे | और आगे भी तुम्हारा यह सफलता भरा सफर जारी रहेगा। इस बात का मुझे पक्का यकीन है। लेकिन दिनेश आज मैं तुम्हें एक विशेष प्रयोजन से पत्र लिख रहा हूं। भाई कि तुम पढ़ाई में जितने अच्छे हो, उतने ही अपने शरीर के प्रति लापरवाही भी हो। जो बिल्कुल भी अच्छी बात नहीं है। भाई जिंदगी में जितनी जरूरी पढ़ाई है उतना ही जरूरी स्वास्थ्य भी है। क्योंकि इसीलिए स्वास्थ्य मनुष्य की सबसे बड़ी पूंजी है। छोटे भाई मैं तुमसे यह कहना चाहता हूं कि तुम अच्छी पढ़ाई के साथ अच्छे स्वास्थ्य के लिए हर रोज सुबह कम से कम एक घंटा योगा और व्यायाम के लिए जरूर समय निकालना। जिससे तुम्हारा तन व मन दोनों स्वस्थ रहें। और जब तुम तन और मन दोनों से स्वस्थ रहोगे, तो जीवन में खूब तरक्की करोगे। तुम घर से दूर हॉस्टिल में अकेले रहते हो इसलिए अपने स्वास्थ्य का खूब ध्यान रखना । आशा है तुम मेरी बातों को समझोगे और उन पर अमल करोगे। घर के सभी बड़ों की तरफ से तुम्हें आशीर्वाद और छोटों की तरफ से प्यार । तुम्हारा बड़ा भाई रीतिक

23. निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर रूपरेखा सहित सारगर्भित निबंध लिखिए- (4) i. विद्यार्थी जीवन में अनुशासन ii.पर्यावरण प्रदूषण में हमारी व्यक्तिगत भूमिका iii.साहित्य और समाज iv. समाचार पत्रों की उपयोगिता

v. जल संरक्षण


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