Hindi10th Set D solution

                     प्रारूप प्रश्न पत्र  2024

अभ्यास प्रश्न पत्र (Set :- D) 2024
कक्षा 10वीं 
विषय - हिन्दी 

समय - 3घंटा                                पूर्णांक 75                                                                                                    निर्देश -

1. सभी प्रश्न करना अनिवार्य है |

2. प्रश्न क्र. 1 से 05 तक वस्तुनिष्ठ प्रश्न है | जिनके लिए 1×30 = 30 अंक निर्धारित है | 

3. प्रश्न क्र. 6 से 17 तक प्रत्येक प्रश्न 2 अंक  है | शब्द सीमा लगभग 30 शब्द है |

4. प्रश्न क्र. 18 से 20 तक प्रत्येक प्रश्न 3 अंक  है | शब्द सीमा लगभग 75 शब्द है |

5. प्रश्न क्र. 21 से 23 तक प्रत्येक प्रश्न 4 अंक  है | शब्द सीमा लगभग 120 शब्द है |

6. प्रश्न क्र . 06 से 23 तक सभी प्रश्नों आंतरिक विकल्प दिए गए है


1. सही विकल्प का चयन कर लिखिए i. प्रयोगवाद के कवि है- (अ) तुलसीदास (ब) अज्ञेय

(स) महादेवी वर्मा (द) जयशंकर प्रसाद

उत्तर ब ) अज्ञेय ii.सूरदास भक्तिकाल की शाखा के कवि है- (अ) ज्ञानमार्गी शाखा (क) रामभक्ति शाखा

(स) प्रेमभक्ति शाखा (द) कृष्णभक्ति शाखा उत्तर :- (द) कृष्णभक्ति शाखा iii. दोहा छंद के द्वितीय और चतुर्थ चरण में मात्राएं होती है- (अ) 11-11 (ब) 12-12 (स) 13-13 (द) 16-16

उत्तर :- (अ) 11-11 iv. नेताजी की मूर्ति तैयार करने वाले मूर्तिकार का नाम है (अ) किशोरीलाल (ब) रामलाल

(स) मोतीलाल (द) जयंतलाल

उत्तर :- (स) मोतीलाल

v. किसी कार्य का करने या होने का बोध कराने वाले शब्द कहलाते है- (अ) विशेषण (ब) क्रिया (स) सर्वनाम (द) संज्ञा

उत्तर :- (ब) क्रिया vi. भोलानाथ के पिता आटे की गोलियाँ गंगा जी में प्रवाहित करते थे-

(अ) हज़ार (ब) सौ (स) तीन सौ (द) पाँच सौ

उत्तर :- (द) पाँच सौ

2. रिक्त स्थान में सही शब्द का चयन कर लिखिए-(1x6-6) i.विश्व के सकल जन गर्मी से......--हो रहे है। (भ्रमित/व्याकुल/ द्रवित) उत्तर :- व्याकुल ii.स्थायी भावों के उत्पन्न होने के कारणों को ......कहते हैं (विभाव/अनुभाव / आलम्बन)

उत्तर :- विभाव iii. कविता के रचना विधान को...................कहते हैं। (छंद/अलंकार/रस) उत्तर :- छंद iv. बालगोबिन भगत पाठ गद्य की.............विधा के अंतर्गत आता है (रेखाचित्र / संस्मरण/जीवनी) उत्तर :- रेखाचित्र v. जिन वाक्यों से किसी कार्य के न होने का बोध होता उसे | ....... वाक्य कहते है। (विधानवाचक / निषेधवाचक / इच्छावाचक)

उत्तर :- विधानवाचक

vi. सिलीगुड़ी से ही हमारे साथ भी यह .........नदी |(ताप्ती/नेवज/तिस्ता) उत्तर :- तिस्ता 3. सही जोड़ी बनाकर लिखिए (1x6-6) स्तम्भ (अ) स्तम्भ (ब) i. 'आत्मकथ्य' कवित. (क) मधु कांकरिया (6)

ii. 16-16 मात्राएँ (ख) मृदुभाषी (5)

iii.उपन्यास के तत्त्व (ग) मन्नू भंडारी (4) iv.एक प्लेट सैलाब (घ) जयशंकर प्रसाद (1) V जो मीठी वाणी बोलता हो (ङ) चौपाई छंद (2) vi साना-साना हाथ जोडि (च) सात

(छ) छ: (3)

(ज) मितभाषी

4 वाक्य में उत्तर लिखिए (1x6-6) i.मुख्य गायक की आवाज़ कैसी होती है?

उत्तर :- मुख्य गायक का स्वर भारी होता है |

ii. आलम्बन के अंगों के नाम लिखिए

उत्तर :- स्थायी भाव , विभाव , अनुभाव , संचारी भाव iii.संस्कृत व्यक्ति से क्या आशय है ?

उत्तर - संस्कृति हमारे द्वारा सीखा हुआ व्यवहार है जो पीढ़ी दर पीढ़ी स्थानांतरित होता रहता है। iv. किस समास में दोनों पद प्रधान होते है ?

उत्तर - द्वंद समास में दोनों पद प्रधान होते हैं। v. आम के आम गुठली के दाम लोकोक्ति का क्या अर्थ है ? उत्तर - दोहरा लाभ उठाना।

vi. माँ ने भोलानाथ के घाव पर क्या लगाया ?

उत्तर - मां ने भोलानाथ के घाव पर हल्दी पीसकर लगाई।


5. सत्य / असत्य कथन लिखिए-(1x6=6) i.फसल कविता हमें कृषि संस्कृति के करीब ले जाती है।

उत्तर - सत्य ii. किसी वस्तु का बढ़ा चढ़ाकर वर्णन अन्योक्ति अलंकार में होता है। असत्य

iii. बिस्मिल्ला खाँ बाँसुरी वादन के लिए जाने जाते है। असत्य iv. दो पदों के मेल को संधि कहते है। सत्य

v. गतोक का अर्थ पहाड़ है। सत्य vi. अज्ञेय विज्ञान के विद्यार्थी रहे है। अत्य 6. हिन्दी पद्य साहित्य को कितने कालों में विभाजित किया गया है ? संवत् में उनकी समयावधि लिखिए।


अथवा

प्रगतिवादी कोई दो कवियों के नाम उनकी एक-एक रचना के साथ लिखिए।

उत्तर :- कवि के नाम रचना

(1) नागार्जुन 'युगधारा ' |

(2) केदारनाथ अग्रवाल "युग की गंगा "|



7. सूरदास अथवा सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला की काव्यगत विशेषताएँ निम्नलिखित बिन्दुओं के आधार पर लिखिए- i.दो रचनाएँ ii.भाव-पक्ष
उत्तर :- सूरदास
(i) दो रचनाएँ सूरसागर, सूरसारावली, साहित्य लहरी । (ii) भाव पक्ष सूरदास ने अपने काव्य में ब्रजभाषा का प्रयोग किया है, भाषा साहित्यिक होते हुए भी बोलचाल के बहुत निकट हैं। सूर की भाषा में प्रसाद एवं माधुर्य गुण की प्रधानता है। सूरदास के काव्य में उपमा, उत्प्रेक्षा और रूपक अलंकार का प्रयोग किया गया है।
सूर्यकान्त त्रिपाठी
सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला'

रचनाएँ- अनामिका, परिमल, गीतिका, कुकुरमुत्ता, अणिमा 

8. गोपियों को उद्धव को भाग्यवान कहने में क्या व्यग्य निहित है ?
उत्तर — उद्धव श्रीकृष्ण के पास रहते हुए भी उनसे प्रेम नहीं कर सके हैं इसलिए गोपियों को वे भाग्यहीन लगते हैं। यही व्यंग्य भाग्यवान कहने में व्यक्त है। विपरीत लक्षण से भाग्यवान का अर्थ भाग्यहीन है।

अथवा 'राम-लक्ष्मण परशुराम संवाद पाठ के आधार पर राम के स्वभाव की कोई दो विशेषताएँ लिखिए। 9. कविता का शीर्षक उत्साह क्यों रखा गया है ?

उत्तर — सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' को बादल बहुत प्रिय रहे हैं। वे उन्हें क्रान्ति, नवचेतना के दूत मानते हैं। क्रान्ति या चेतना बिना उत्साह के सम्भव नहीं हैं। इसीलिए कवि ने कविता का शीर्षक 'उत्साह' रखा है। वैसे भी बादलों की गर्जन उत्साहवर्द्धक होती है। बादलों की गर्जना से लोगों में उत्साह का संचार हो जाता है।  अथवा फसल को हाथों के स्पर्श की गरिमा और महिमा कहकर कवि नागार्जुन क्या व्यक्त करना चाहता है ?

उत्तर- फसल को 'हाथों के स्पर्श की गरिमा' और 'महिमा' कहकर कवि किसानों की मेहनत के महत्त्व को प्रकट करना चाहते हैं। पानी, मिट्टी, सूर्य का प्रकाश, हवा आदि हों और उनका उपयोग कर फसल उगाने वाले किसान का श्रम न हो तो फसल का होना सम्भव नहीं है। इसलिए कवि फसल को हाथों के स्पर्श की गरिमा और महिमा कहते हैं। किसान ही खेत जोतता, पानी लगाता है, निराई-गुड़ाई करता है तब फसल फलीभूत होती है।



10. काव्य की परिभाषा एवं उनके भेद लिखिए।

उत्तर — “काव्य हमारे भावों, विचारों की शाब्दिक अभिव्यक्ति है जो आनंद की अनुभूति कराने वाली होने के कारण संरक्षणीय है।" आचार्य विश्वनाथ ने काव्य की परिभाषा दी है- 'रसात्मकं वाक्यं काव्यम्' अर्थात् रसयुक्त वाक्य ही काव्य है। काव्य के दो प्रकार होते हैं-

(1) श्रव्य काव्य, (2) दृश्य काव्य ।

अथवा
करुण रस की परिभाषा लिखिए।


11. वर्णिक छंद एवं मात्रिक छंद में कोई दो अंतर लिखिए। उत्तर - वर्णिक छंद एवं मात्रिक छंद में अंतर –

क्रं

 

मात्रिक छंदवर्णिक छंद

1.

मात्रिक छंदों के सभी चरणों में संख्या मात्राओं की तो समान होती है लेकिन क्रम लघु गुरु समान नहीं होते।

वर्ण छंदों के सभी चरणों की संख्या वर्णों की और क्रम लघु गुरु का दोनों समान होती है।

2.

इनमें मात्राओं की गिनती निश्चित रहती है।इन में वर्गों की संख्या एवं रूप निश्चित रहता है मात्राएं नहीं।

3.

मात्रिक छंद के उदाहरण दोहारोला आदिवर्णिक छंद के उदाहरण सवैयामंनदकानता कांता आदि


अथवा मानवीकरण अलंकार की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिए।

उत्तर — उत्तर–जहाँ मानव के अतिरिक्त निर्जीव और अमूर्त पर मानव सुलभ गुण, कर्म आदि का आरोपण करके मानव के समान प्रस्तुत किया जाता है वहाँ मानवीकरण अलंकार होता है। उदाहरण–

प्यारे जगाते हुए हारे सब तारे तुम्हें,

अरुण पंख तरुण किरण खड़ी खोल द्वार

जागो फिर एक बार ।"
यहाँ ‘तारे' और 'किरण' को जगाने तथा द्वार खोलने की मानवीय क्रिया करते हुए चित्रित किया गया है। इसलिए यहाँ मानवीकरण अलंकार है। 12. किन्हीं दो प्रसिद्ध कहानीकारों के नाम उनकी कहानी के सहित लिखिए।

उत्तर–

कहानीकारों के नाम कहानी

1.मुंशी प्रेमचन्द कफन

2. जयशंकर प्रसाद आकाशदीप अथवा जीवनी और आत्मकथा में कोई दो अंतर लिखिए।

उत्तर :- आत्मकथा और जीवनी में अंतर  

आत्मकथा 
जीवनी
1आत्मकथा स्वयं  के व्दारा  लिखी जाती है | 
1.जीवनी किसी दूसरे के व्दारा लिखी जाती है | 
2.आत्मकथा किसी की भी लिखी जा सकती है | 
2.जीवनी किसी महापुरूष की ही लिखी जाती है | 
3.आत्मकथा सत्य होती है | 
3.जीवनी अनुमानित होती है |
4.आत्मकथा कथात्मक शैली में लिखी जाती है | 
4.जीवनी वर्णानात्मक शैली में लिखी जाती है | 


13. स्वयं प्रकाश अथवा मन्नू भंडारी की साहित्यिक विशेषताएँ निम्नलिखित बिन्दुओं के आधार पर लिखिए-(2) दो रचनाएँ ॥ भाषा-शैली

उत्तर - स्वयं प्रकाश

(i) दो रचनाएँ —

(ii) भाषा-शैली-

भाषा-लोक जीवन से जुड़े रहे स्वयं प्रकाश की भाषा भी लोक प्रचलित व्यावहारिक है। ये सहज, सरल, सुस्पष्ट भाषा का प्रयोग करते हैं। इनकी भाषा आडम्बर तथा बनावटीपन से दूर जनसाधारण की भाषा है।

शैली- (1) भावात्मक शैली-भाव प्रधान अशों में इस शैली का प्रयोग किया गया है।

(2) वर्णनात्मक शैली- किसी घटना, वस्तु या व्यक्ति के वर्णन में यह शैली प्रयोग की गई है।

(3) चित्रात्मक शैली- इस शैली में पात्र घटना या स्थिति का शब्दों के माध्यम से चित्रण किया गया है। • साहित्य में स्थान-स्वयं प्रकाश ने अपने साहित्य में निम्न वर्ग, शोषित समाज तथा नारी उत्थान के प्रति चिन्ता व्यक्त की है। साठोत्तरी कथाकारों में स्वयं प्रकाश का महत्वपूर्ण स्थान है।

अथवा

मन्नू भंडारी

(i) दो रचनाएँ—

ii) भाषा - शैली

भाषा-शैली-भाषा-मन्नू भंडारी ने बोलचाल की व्यावहारिक भाषा में साहित्य रचना की है। आपने आवश्यकता के अनुसार तत्सम, तद्भव देशज तथा विदेशी शब्दों का प्रयोग किया है। आप लोकोक्ति व मुहावरों का स्वाभाविक प्रयोग भी करती हैं। आपकी भाषा में सम्प्रेषण की अद्भुत क्षमता है। विषय के अनुरूप आपकी भाषा भी बदलती जाती है।

शैली- (1) भावात्मक शैली-भावात्मक स्थलों पर यह शैली अपनाई गई जिससे भाषा सरस, सरल तथा आलंकारिक हो गई है।

(2) वर्णनात्मक शैली-किसी घटना स्थान, वस्तु या व्यक्ति सम्बन्धी वर्णनों में यह शैली प्रयोग की गई है।

(3) संस्मरणात्मक शैली- अतीत को याद करने वाले संदर्भों में यह शैली प्रयोग की गई है।(

4) संवाद शैली-संवाद शैली के कारण आपके उपन्यासों कहानियों में सजीवता आ गई है।

( 5 ) व्यंग्यात्मक शैली मन्नू जी ने अपनी रचनाओं में स्वाभाविक विषमताओं, रूढ़ियों, नारी शोषण पर तीखे व्यग्य किए हैं।

14. सेनानी न होते हुए भी चश्मे वाले को लोग कैप्टन क्यों कहते थे?

उत्तर – देश-प्रेम के भाव से भरे कैप्टन चश्मे वाले के मन में देश पर बलिदान होने वालों के प्रति सम्मान का भाव है। सुभाष चन्द्र बोस के प्रति उसमें श्रद्धा है। इसीलिए वह उनकी प्रतिमा पर चश्मा लगाता है। उसके मन में देश के प्रति फौजियों जैसा ही भाव है इसीलिए उसे लोग कैप्टन कहते थे अथवा बालगोबिन भगत के व्यक्तित्व और उनकी वेशभूषा का अपने शब्दों में चित्र प्रस्तुत कीजिए।

उत्तर- बालगोबिन भगत साठ वर्ष से अधिक आयु के थे किन्तु गोरे-चिट्टे आदमी थे। उनके बाल सफेद हो गए थे। उनका चेहरा सफेद बालों से चमत्कृत रहता था। वे शरीर पर एक लंगोटी तथा सिर पर कबीरपंथी कनफटी टोपी पहनते थे। उनके गले में तुलसी की बेडौल माला पड़ी रहती थी। उनके माथे पर रामानंदी चन्दन का टीका लगा होता था। जब सर्दी होती थी तो वे कम्बल ओढ़ लेते थे।


15. लेखिका मन्नू भंडारी के व्यक्तित्व पर किन-किन व्यक्तियों का किस रूप में प्रभाव पड़ा ? (2)

उत्तर- लेखिका को दो व्यक्तियों ने विशेष रूप से प्रभावित किया। एक उनके पिता ने तथा दूसरी शिक्षिका शीला अग्रवाल ने । पिता गोरे रंग को महत्व देते थे जबकि लेखिका श्याम वर्ण की थीं। वे गोरे रंग की बड़ी बहिन से उनकी तुलना कर नीचा दिखाते थे इससे उनमें हीनता का भाव आ गया। पिताजी की इच्छा के कारण लोगों से विचार-विमर्श तथा देशभक्ति का भाव उनमें आया। शीला अग्रवाल ने साहित्यिक रुचि पैदा की तथा खुलकर अपनी बात कहने का साहस पैदा किया। अथवा बिस्मिल्ला खाँ को शहनाई की मंगलध्वनि का नायक क्यों कहा गया है ? उत्तर - शहनाई मांगलिक अवसरों पर बजाई जाती है। इसीलिए इसे मंगलध्वनि अर्थात् वह ध्वनि जो मंगलकारी हो, कहा जाता है। यह ध्वनि प्रात:काल मंगला आरती के समय भी बजाई जाती है। बिस्मिल्ला खाँ जीवन भर शहनाई की साधना में ही लगे रहे। उन्होंने शहनाई को फूँक से बजाए जाने वाले सुषिर वाद्यों का सरताज बना दिया। शहनाई वादन की उत्कृष्टता के कारण ही बिस्मिल्ला खाँ को भारतरत्न की उपाधि से नवाजा गया। उस्ताद बिस्मिल्ला खाँ हर मंगलकारी अवसर पर शहनाई बजाते थे। उन्होंने इसी कारण भारत का सर्वोत्कृष्ट सम्मान प्राप्त किया। इसीलिए उन्हें मंगलध्वनि का नायक कहा जाता है।

16. निम्नलिखित वाक्यांश के लिए एक शब्द लिखिए- i.संसार भर में प्रसिद्ध

उत्तर —विश्व प्रसिद्ध या जगप्रसिद्ध ii. जिसकी उपमा न दी जा सके

उत्तर :- अनुपम अथवा संधि और समास में कोई दो अंतर लिखिए।

उत्तर :- संधि समास में 

क्रमांक
 

सन्धि
 

समास
 

1.

दो वर्गों का योग होता है|

समास समास में दो पदों का योग होता है।

2.

दो वर्गों के मेल और विकार की संभावना रहती है।

पदोंशब्दों के प्रत्यय का लोप हो जाता है।

3

संधि को तोड़ना विच्छेद कहलाता है।

समास को तोड़ना विग्रह कहलाता है।

17. बच्चे माता- पिता के प्रति अपने प्रेम को कैसे अभिव्यक्त करते हैं ? लिखिए। (2)

उत्तर- बच्चों का माता-पिता के प्रति होने वाला प्रेम विविध प्रकार से अभिव्यक्त होता है। बच्चे माता-पिता के साथ बात करके, इनके गालों को चूमकर, उनके साथ खेलकर, उनके साथ घूमने जाकर, अटकन-बटकन खेलकर, कहानी सुनाकर, मीठे स्वर में गीत गाकर तथा तोतली भाषा में बातें करके माता-पिता के प्रति होने वाले अपने प्रेम को व्यक्त करते हैं। बच्चे माता-पिता पर अपना अधिकार मानते हैं इसलिए वे अपनी हर माँग उन्हीं से करते हैं। अपनी इच्छाओं की पूर्ति भी उन्हीं से कराते हैं। इस प्रकार माँग में उनका विरोध नहीं प्रेम भाव होता है।

अथवा लेखक अज्ञेय के अनुसार, प्रत्यक्ष अनुभव की अपेक्षा अनुभूति उनके लेखन में कहीं अधिक मदद करती है, क्यों? उत्तर —प्रत्यक्ष अनुभव को घटित होते देखा जाता है। अनुभूति संवेदना तथा कल्पना के सहयोग से उस घटित सत्य को आत्मसात् कर लेती है जो लेखक के सामने घटित नहीं हुआ होता है। ऐसी स्थिति में अनुभूति द्वारा आँखों के समक्ष न आया हुआ सत्य भी प्रत्यक्ष हो जाता है। इसके बाद अन्दर की अनुभूति लेखक को लिखने के लिए मजबूर कर देती है । अनुभूति ही भावों को शब्दों का रूप देती है। इस प्रकार अनुभव की अपेक्षा अनुभूति लेखन में अधिक सहयोगी होती है।


18. निम्नलिखित काव्यांश का संदर्भ प्रसंग सहित भावार्थ लिखिए- (3)

रे नृपबालक कालबस बोलत तोहि न सँभार | धनुही सम त्रिपुरारिधनु विदित सकल संसार ।। अथवा फसल क्या है? और तो कुछ नहीं है वह नदियों के पानी का जादू है वह हाथों के स्पर्श की महिमा हैं भूरी-काली संदली मिट्टी का गुण धर्म है

उत्तर -


संदर्भ-यह पद्यांश हमारी पाठ्य-पुस्तक की ' फसल' कविता से लिया गया है। इसके कवि नागार्जुन हैं।


प्रसंग - यहाँ बताया गया है कि फसल किन-किन के सहयोग से पैदा होती है। भावार्थ - कवि स्वयं प्रश्न करते हैं कि फसल क्या है और उसका उत्तर देते हुए कहते हैं कि फसल और कुछ नहीं होती है यह तो अनेक नदियों के पानी का जादू है। यह फसल बहुत से किसानों के हाथों की मेहनत का गौरव है। अनेक तरह की भूरी, काली या संदली मिट्टी की विशेषता के आधार पर फसल पैदा होती है। । काव्य सौन्दर्य -

(1) फसल पैदा होने के तत्वों को बताया गया है।

(2) सरल, सुबोध भाषा का प्रयोग हुआ है।

19. निम्नलिखित गद्यांश की संदर्भ प्रसंग सहित व्याख्या लिखिए- (3) ठाली बैठे. कल्पना करते रहने की पुरानी आदत है। नवाब साहब की असुविधा और संकोच के कारण का अनुमान करने लगे। संभव है. नवाब साहब ने बिलकुल अकेले यात्रा कर सकने के अनुमान में किफायत के विचार से सेकंड क्लास का टिकट खरीद लिया हो और अब गवारा न हो कि शहर का कोई सफेदपोश उन्हें मँझले दर्जे में सफर करता देखे।... अकेले सफर का वक्त काटने के लिए ही खीर खरीदे होंगे और अब किसी सफेदपोश के सामने खीरा कैसे खाएं? हम कनखियों से नवाब साहब की ओर देख रहे थे।

उत्तर –

संदर्भ-प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्य-पुस्तक के 'लखनवी अंदाज' नामक पाठ से लिया गया है। इसके लेखक यशपाल है। प्रसंग-लेखक ने एकान्त में सोच सकने के लिए सेकण्ड क्लास का टिकट लेकर एकान्त में यात्रा का मन बनाया। किन्तु गाड़ी में पहुँचने पर उन्हें एक नवाब साहब बैठे मिले जिनको उनके आने से असुविधा हो रही थी। व्याख्या-लेखक गाड़ी के डिब्बे में चढ़े तो देखा कि एक नवाब साहब पहले से डिब्बे में बैठे हैं। उन्होंने लेखक की ओर असन्तोष भरी नजरों से देखा। लेखक की पुरानी आदत है कि वे जब भी खाली होते तो कुछ-न-कुछ सोचने लगते हैं। इसलिए उन्होंने विचार करना प्रारम्भ कर दिया कि इन नवाब साहब को उनके आने से असुविधा और संकोच क्यों हो रहा है। लेखक ने सोचा कि सम्भवतः नवाब साहब ने अकेले यात्रा करने का मन बनाया होगा। इसीलिए कुछ कम खर्च करके सेकण्ड क्लास का टिकट खरीदा होगा। अब उन्हें उनका आना स्वीकार नहीं होगा। वे चाहते होंगे कि नगर के कोई सज्जन उन्हें सेकण्ड क्लास में यात्रा करते हुए न देखे। सेकण्ड क्लास में यात्रा करना उन्हें अपनी बेइज्जती लग रही होगी। विशेष-

(1) दिखावे का जीवन जीने वालों पर व्यंग्य किया गया है।

(2) बनावटी जीवन जीने वालों की कुण्ठाओं को उजागर किया है।

(3) आत्मकथन शैली तथा अरबी-फारसी शब्दों से युक्त खड़ी बोली का प्रयोग हुआ है। अथवा एक संस्कृत व्यक्ति किसी नयी चीज़ की खोज करता है; किंतु उसकी संतान को वह अपने पूर्वज से अनायास ही प्राप्त हो जाती है। जिस व्यक्ति की बुद्धि ने अथवा उसके विवेक ने किसी भी नए तथ्य का दर्शन किया, वह व्यक्ति ही वास्तविक संस्कृत व्यक्ति है और उसकी संतान जिसे अपने पूर्वज से वह वस्तु अनायास ही प्राप्त हो गई है, वह अपने पूर्वज की भाँति सभ्य भले ही बन जाए, संस्कृत नहीं कहला सकता।

उत्तर :-

संदर्भ - यह गद्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक के 'संस्कृति' पाठ से अवतरित है। इसके लेखक भदंत आनंद कौसल्यायन हैं। प्रसंग - इसमें बताया गया है कि कौन व्यक्ति संस्कृत होगा और कौन सभ्य। व्याख्या - लेखक कहते हैं कि अपनी बुद्धि या विवेक द्वारा किसी नए तथ्य का दर्शन करने वाला तथा नया अविष्कार करने वाला व्यक्ति ही संस्कृत व्यक्ति होता है। जिस संतान को बिना किसी प्रयत्न के जो चीज़ खोज करने वाले से मिल गई है वह संस्कृत नहीं कहा जा सकता है। संतान को पूर्वज की तरह सभ्य तो कह सकते हैं किंतु उसे संस्कृत नहीं कहा जा सकता है।

20. परोपकार से बड़ा कोई धर्म नहीं विषय पर एक अनुच्छेद लिखिए। (3) अथवा महगाई की समस्या पर पिता और पुत्र/पुत्री के मध्य संवाद लिखिए ।


21. निम्नलिखित अपठित काव्यांश अथवा गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए-(4) और सत्य ही राम वहाँ पर, पता लगाते मुनिगण से। शबरी की कुटिया तक आये. प्रेम रूप के मधुबन से || प्रश्न. i.उपर्युक्त काव्यांश का उपयुक्त शीर्षक लिखिए।

ii.शबरी की कुटिया में कौन आया ? iii.उपर्युक्त काव्यांश का भावार्थ लिखिए। अथवा इस संसार में पृथ्वी, आकाश, चंद्रमा, सूर्य ये जो बड़े-बड़े चरखे हैं. इनको भी चलाने के लिए कोई एक है। जब तक वह इन्हें चला रहा है तब तक ये चल रहे हैं। उदाहरण स्वरूप इस चरखे को जब में चलाती हूँ तो यह मेरे हिसाब से चलता है। यदि इसे चलाने के लिए कोई दूसरा बैठ जाए तो यह चरखा तभी ठीक प्रकार से चलेगा जब वह मेरे अनुसार या मेरा अनुकरण करके चलाए। यदि वह विपरीत ढंग को अपनाएगा तो यह चरखा नहीं चलेगा या टूट जाएगा। ठीक यही नियम प्रकृति रूपी चरखे के साथ भी है। परमात्मा ने जिस ढंग से इस प्रकृति का निर्माण किया है, हमें उसके नियमों का पालन करना चाहिए। प्रकृति के नियमों को तोड़ने पर यह प्रकृति जो हमारी सहचरी है, पालिका और पोषिका है, इसका स्वरूप विध्वंस व संहारकारी हो जाएगा। भूकम्प, अनावृष्टि, अतिवृष्टि पर्यावरण संकट, जल संकट इत्यादि संकट स्वास्थ्य और जीवन अस्तित्व के संकट को जन्म देंगे। प्रश्न- i.उपर्युक्त गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक लिखिए। ॥

ii .प्रकृति के नियम तोड़ने से क्या होगा ? iii. उपर्युक्त गद्यांश का सारांश लिखिए। 22. अपने वार्ड में व्याप्त गंदगी को दूर करने के लिए नगरपालिका अधिकारी को आवेदन पत्र लिखिए।(4)

उत्त्तर -

सेवा में,

श्रीमान् प्रशासक महोदय ,

नगर निगम ,छिन्दवाड़ा |

मान्यवर ,

सविनय निवेदन है कि गोलगंज की नालियों में नियमानुसार सफाई की उचित व्यवस्था न होने के कारण मच्छरों एवं मक्खियों का प्रकोप है | फलस्वरूप कॉलोनी के लोगों में बीमारी फैलने का भय है |

अत : आपसे प्रार्थना है कि नालियों की सफाई की उचित व् व्यस्था कराने एवं कीटनाशक दवाई के छिड़काव कारने की शीघ्र व्यवस्था करने की कृपा करें |

इसके लिए हम सब आपके आभारी रहेंगे |

भवदीय

मोहक शर्मा

21,उड़ान कॉलोनी ,छिन्दवाड़ा


   अथवा

अथवा अपनी वार्षिक परीक्षा की तैयारी से अवगत कराते हुए अपने पिता जी को पत्र लिखिए। उत्तर —


220, टी.टी. नगर, भोपाल

दिनांक:01फरवरी 2023


आदरणीय पिता जी,

सादर चरण स्पर्श,

मैं यहां कुशलतापूर्वक हूं और आशा करता हूं कि आप लोग भी कुशलता से होंगे। मेरा वार्षिक परीक्षा कार्यक्रम प्रकाशित हो चुका है। परीक्षाएं 5 फरवरी से प्रारंभ होंगी। इस वर्ष मेरी बोर्ड की परीक्षा है। इस कारण मैं बहुत मेहनत कर रहा हूं। मैं अच्छे अंक लाने का प्रयास कर रहा हूं। अंग्रेजी और गणित में थोड़ी कठिनाई आती है। इन विषयों के लिए मैंने कोचिंग लगा ली है। वैसे प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण होना आप लोगों के आशीर्वाद से मेरे लिए कोई कठिन कार्य नहीं है। आगामी पत्र परीक्षा के बाद लिखूंगा।

आदरणीय पिता जी को प्रणाम ।

आपका बेटा

मोहक शर्मा

23. निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर रूपरेखा सहित सारगर्भित निबंध लिखिए- (4) i. विद्यार्थी जीवन में नैतिक मूल्यों का महत्त्व ii. पर्यावरण प्रदूषण में हमारी व्यक्तिगत भूमिका iii. स्वच्छ भारत अभियान

iv. साहित्य और समाज v. वृक्षारोपण एवं संरक्षण




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