Class 10th हिन्दी काव्य बोध रस अंलकार छंद
काव्य - बोध
1. खण्डकाव्य की कोई - दो विशेषताएँ लिखिए ?(2)
उत्तर- खण्डकाव्य की विशेषताएँ -
(1) खण्डकाव्य में जीवन के एक खण्ड या पक्ष का चित्रण होता है।
(2) खण्डकाव्य में प्रधानतः एक घटना को ही उभारा जाता है। (3) खण्डकाव्य में एक रस की ही प्रधानता रहती है। (4) सीमित कलेवर में यह पूर्ण होता है।
2 . स्थायी भाव एवं संचारी भाव में कोई दो अंतर लिखिए |
3. चौपाई छंद की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिए।(2)
उत्त्तर - चौपाई छंद :- चौपाई एक सममात्रिक छंद है | इसके प्रत्येक चरण में 16 मात्राएँ होती हैं |
4 अतिशयोक्ति अलंकार की परिभाषा उदहरण सहित लिखिए।
उत्त्तर :- अतिशयोक्ति अलंकार :- जहाँ कोई बात आवश्यकता से अधिक बढ़ा - चढ़ाकर कही जाये , वहाँ अतिशयोक्ति अंलकार होता है ;
उदाहरण —
" हनुमान की पूँछ में, लगन न पाई आग |
लंका सारी जरि गई ,गये निसाचर भाग ||"
यहाँ बात को बढ़ा - चढ़ाकर वर्णन हुआ है | अत: अतिशयोक्ति अलंकार है |
उत्तर :- महाकाव्य की विशेषताएँ :- -
(1) महाकाव्य में आठ या उससे अधिक सर्ग होते हैं। (2) महाकाव्य का नायक धीरोदत्त गुणों से युक्त होता है।
(3) इसने शांत वीर अथवा श्रृंगार रस में से किसी एक की प्रधानता होती है। (4) महाकाव्य में धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
(5) इसमें अनेक छंदों का प्रयोग होता है।
उदाहरण- रामचरित मानस - तुलसीदास
कामायनी -जयशंकर प्रसाद
6 विभाव एवं अनुभाव में कोई दो अंतर लिखिए।
उत्तर :- विभाव एवं अनुभाव में दो अंतर :-
क्र. स.
विभाव
अनुभाव
1
स्थायी भाव का जो कारण होता है उसे विभाव कहते है |
आश्रय की बाहरी चेष्टाओं काे अनुभाव कहते है |
2
विभाव दो प्रकार के होते है |
अनुभाव के चार भेद होते है |
07. दोहा छंद की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिए। (2)
उत्तर- दोहा - परिभाषा -दोहा छंद के प्रथम और तृतीय चरणों में 13-13 और द्वितीय तथा चतुर्थ चरणों में 11-11 मात्राएँ होती हैं। कुल 24 मात्राएँ होती हैं। इसके सम चरणों के अन्त में तगण अथवा जगण का होना जरूरी है।
उदाहरण –
मेरी भव बाधा हरौ, राधा नागरि सोय |
जा तन की झाँई परै , स्याम हरित दुति होय ||
श्री गुरु चरन सरोज रज, निज मन मुकुर सुधार।
वरनौ रघुवर विमल जसु, जो दायक फल चार ॥
8 अन्योक्ति अलंकार की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिए।
उत्तर — अन्योक्ति अलंकार- जहाँ अप्रस्तुत कथन के द्वारा प्रस्तुत अर्थ का बोध कराया जाये वहाँ अन्योक्ति अलंकार होता है |
उदाहरण -
"माली आवत देखकर, कलियन करी पुकार ।
फूले-फूले चुनि लिए, कालि हमारी बार ॥"
यहाँ पर बात तो अप्रस्तुत माली, कलियाँ, फूलों की कही गई है परन्तु बोध प्रस्तुत वृद्धजनों और प्रौढ़जनों का कराया गया है।
उत्तर — प्रबन्ध काव्य का अर्थ लिखते हुए उसके भेदों का उदाहरण सहित वर्णन कीजिए। उत्तर- प्रबन्ध काव्य विषय प्रधान एवं वर्णनीय होता है। इसमें कथावस्तु के अनुकूल घटना विशेष का क्रमबद्ध रूप से काव्यात्मक वर्णन होता है।
अथवा 10. वीर रस का एक उदाहरण लिखिए ।
उत्तर — वीर रस — सहृदय के हृदय में स्थित" उत्साह "नामक स्थायी भाव का जब विभाव, अनुभाव और संचारी भाव से संयोग होता है, तब वहाँ वीर रस की उत्पत्ति होती है।
उदाहरण-
बुन्देलों हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी।
खूब लड़ी मरदानी वह तो झाँसी वाली रानी थी॥
11. छंद की परिभाषा एवं उनके प्रमुख प्रकार लिखिए।उत्तर-छंद - जिस रचना में अक्षरों एवं मात्राओं की संख्या निश्चित हो तथा यति, गति एवं तुक आदि का ख्याल रखा जाये, उसे छंद कहा जाता है।
12 पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिए।
उत्तर - जहाँ एक ही शब्द का समान अर्थ में एक से अधिक बार प्रयोग होता है। वहाँ पुनरुक्तिप्रकाश अलंकार होता है।
उदाहरण - "पुनि पुनि मुनि उकसहिं अकुलाहीं ।"
यहाँ पुनि' शब्द की समान अर्थ में आवृत्ति हुई है। इसलिए यहाँ पुनरुक्तिप्रकाश अलंकार है।
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