Class 10th पूरक पाठ्य - पुस्तक : कृतिका - 2 Ncert Solution hindi

 

पूरक पाठ्य - पुस्तक : कृतिका - 2  



1. बच्चें माता- पिता के प्रति अपने प्रेम को कैसे अभिव्यक्त करते हैं ? लिखिए (2)

उत्तर- बच्चों का माता-पिता के प्रति होने वाला प्रेम विविध प्रकार से अभिव्यक्त होता है। बच्चे माता-पिता के साथ बात करके, इनके गालों को चूमकर, उनके साथ खेलकर, उनके साथ घूमने जाकर, अटकन-बटकन खेलकर, कहानी सुनाकर, मीठे स्वर में गीत गाकर तथा तोतली भाषा में बातें करके माता- -पिता के प्रति होने वाले अपने प्रेम को व्यक्त करते हैं। बच्चे माता-पिता पर अपना अधिकार मानते हैं इसलिए वे अपनी हर माँग उन्हीं से करते हैं। अपनी इच्छाओं की पूर्ति भी उन्हीं से कराते हैं। इस प्रकार माँग में उनका विरोध नहीं प्रेम भाव होता है।



2 . गंतोक को मेहनतकश बादशाहों का शहर क्यों कहा गया है।

उत्त्तर :- गंतोक के लोगों की मेहनत ही थी कि गंतोक आज भी अपने पुराने स्वरूप को कायम रखे हुए है। उनका अथक प्रयास ही उनकी प्रकृति की धरोहर को संजोय हुए है। यहाँ जीवन बेहद कठिन है पर यहाँ के लोगों ने इन कठिनाईयों के बावजूद भी शहर के हर पल को खुबसूरत बना दिया है। इसलिए लेखिका ने इसे 'मेहनतकश बादशाहों का शहर' कहा है।

या

मेहनतकश का अर्थ है- कठिन परिश्रम करने वाले 'बादशाह' का अर्थ अपनी मर्जी के मालिक । गतोक एक पर्वतीय स्थल है। पर्वतीय क्षेत्र होने के नाते यहाँ परिस्थितियां बहुत कठिन है। अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए लोगों को कठिन परिश्रम करना पड़ता है। यहाँ के लोग इस परिश्रम से घबराते नही और ऐसी कठिनाइयों के बीच भी मस्त और प्रसन्न रहते है। इसलिए गतोक को मेहनतकश बादशाहों का शहर " कहा गया है।



3. बच्चे माता- पिता के प्रति अपने प्रेम को कैसे अभिव्यक्त करते हैं ? लिखिए। (2)

उत्तर- बच्चों का माता-पिता के प्रति होने वाला प्रेम विविध प्रकार से अभिव्यक्त होता है। बच्चे माता-पिता के साथ बात करके, इनके गालों को चूमकर, उनके साथ खेलकर, उनके साथ घूमने जाकर, अटकन-बटकन खेलकर, कहानी सुनाकर, मीठे स्वर में गीत गाकर तथा तोतली भाषा में बातें करके माता-पिता के प्रति होने वाले अपने प्रेम को व्यक्त करते हैं। बच्चे माता-पिता पर अपना अधिकार मानते हैं इसलिए वे अपनी हर माँग उन्हीं से करते हैं। अपनी इच्छाओं की पूर्ति भी उन्हीं से कराते हैं। इस प्रकार माँग में उनका विरोध नहीं प्रेम भाव होता है।

अथवा 4. लेखक अज्ञेय के अनुसार, प्रत्यक्ष अनुभव की अपेक्षा अनुभूति उनके लेखन में कहीं अधिक मदद करती है, क्यों? उत्तर —प्रत्यक्ष अनुभव को घटित होते देखा जाता है। अनुभूति संवेदना तथा कल्पना के सहयोग से उस घटित सत्य को आत्मसात् कर लेती है जो लेखक के सामने घटित नहीं हुआ होता है। ऐसी स्थिति में अनुभूति द्वारा आँखों के समक्ष न आया हुआ सत्य भी प्रत्यक्ष हो जाता है। इसके बाद अन्दर की अनुभूति लेखक को लिखने के लिए मजबूर कर देती है । अनुभूति ही भावों को शब्दों का रूप देती है। इस प्रकार अनुभव की अपेक्षा अनुभूति लेखन में अधिक सहयोगी होती है।




5 भोलानाथ और उसके साथियों के खेल और खेलने की सामग्री आपके खेल और खेलने की सामग्री से किस प्रकार भिन्न है? (2)

उत्तर- समय के साथ खेल तथा खेल की सामग्री बदलती रहती है जो खेल और खेल की सामग्री उस समय थी। उनसे भोलानाथ खेलते थे। किन्तु आज खेल भी बदल गए हैं तथा खेल की सामग्री भी बदल गई है। भोलानाथ पेड़ों पर, खेत में, वर्षा में, मिट्टी से, पानी से, कनस्तर से, पत्थर से, घर के सामान से खेलते थे। दुकान लगाते, मिठाई बेचते, नाटक करते थे । किन्तु आज क्रिकेट, हॉकी, वीडियो गेम, कम्प्यूटर, मोबाइल गेम खेलने के साधन हो गए हैं।

अथवा 6 गंतोक को मेहनतकश बादशाहों का शहर क्यों कहा गया है ?

उत्त्तर :- गंतोक के लोगों की मेहनत ही थी कि गंतोक आज भी अपने पुराने स्वरूप को कायम रखे हुए है। उनका अथक प्रयास ही उनकी प्रकृति की धरोहर को संजोय हुए है। यहाँ जीवन बेहद कठिन है पर यहाँ के लोगों ने इन कठिनाईयों के बावजूद भी शहर के हर पल कोi खुबसूरत बना दिया है। इसलिए लेखिका ने इसे 'मेहनतकश बादशाहों का शहर' कहा है।

या

मेहनतकश का अर्थ है- कठिन परिश्रम करने वाले 'बादशाह' का अर्थ अपनी मर्जी के मालिक । गतोक एक पर्वतीय स्थल है। पर्वतीय क्षेत्र होने के नाते यहाँ परिस्थितियां बहुत कठिन है। अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए लोगों को कठिन परिश्रम करना पड़ता है। यहाँ के लोग इस परिश्रम से घबराते नही और ऐसी कठिनाइयों के बीच भी मस्त और प्रसन्न रहते है। इसलिए गतोक को मेहनतकश बादशाहों का शहर " कहा गया है।


7 . बच्चे माता- पिता के प्रति अपने प्रेम को कैसे अभिव्यक्त करते हैं? लिखिए। 
उत्तर- बच्चों का माता-पिता के प्रति होने वाला प्रेम विविध प्रकार से अभिव्यक्त होता है। बच्चे माता-पिता के साथ बात करके, इनके गालों को चूमकर, उनके साथ खेलकर, उनके साथ घूमने जाकर, अटकन-बटकन खेलकर, कहानी सुनाकर, मीठे स्वर में गीत गाकर तथा तोतली भाषा में बातें करके माता-पिता के प्रति होने वाले अपने प्रेम को व्यक्त करते हैं। बच्चे माता-पिता पर अपना अधिकार मानते हैं इसलिए वे अपनी हर माँग उन्हीं से करते हैं। अपनी इच्छाओं की पूर्ति भी उन्हीं से कराते हैं। इस प्रकार माँग में उनका विरोध नहीं प्रेम भाव होता है।
                            
8  कभी श्वेत  तो कभी रंगीन पताकाओं का फहराना किन अलग अलग अवसरों की ओर संकेत करता है?
उत्तर-यूमथांग के मार्ग में एक और श्वेत पताकाएँ लगी थीं। किसी बुद्धिस्ट की मृत्यु पर ये श्वेत पताकाएँ लगाई जाती हैं। किसी नये कार्य को करने के अवसर पर रंगीन पताकाएँ फहराई जाती हैं। इन पताकाओं को हटाते नहीं हैं। इस प्रकार बौद्धधर्म को मानने वाले की मृत्यु के समय श्वेत तथा शुभ कार्य के अवसर पर रंगीन पताकाएँ फहराते हैं।




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