भारत और समकालीन विश्व-2 (इतिहास ) अध्याय 2. भारत में राष्ट्रवाद NCERT SOLUTION BY GAYATRI COACHING CLASSES
भारत और समकालीन विश्व-2 (इतिहास ) अध्याय 2. भारत में राष्ट्रवाद
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पाठ्यवस्तु
भारत में राष्ट्रवाद का उदय
✅भारत में राष्ट्रवाद का उदय दूसरी उपनिवेशों की तरह ही उपनिवेशवाद विरोधी आंदोलन के साथ गहरे तौर पर जुड़ा हुआ था
✅महात्मा गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस में इन समूहों को इकट्ठा करके एक विशाल आंदोलन खड़ा किया
✅महात्मा गांधी जनवरी 1915 में दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटने पर सत्याग्रह आंदोलन चलाय
✅1917 में उन्होंने बिहार के चंपारण इलाके में एवं गुजरात के खेड़ा में किसानों की मदद के लिए सत्याग्रह चलाया
✅सन 1918 में गांधीजी सूती कपड़ा कारखानों के मजदूरों के बीच अहमदाबाद में सत्याग्रह चलाएं
रोलेट एक्ट
✅1919 में प्रस्तावित रौलट एक्ट के खिलाफ एक राष्ट्रव्यापी सत्याग्रह आंदोलन चलाने का फैसला गांधीजी ने लिया और
✅इसी आंदोलन में जर्नल डायर ने 13 अप्रैल 1919 में जलियांवाला बाग हत्याकांड किया
✅मार्च 1919 में मुंबई में खिलाफ समिति का गठन किया गया और मोहम्मद अली और शौकत अली बंधुओं के खिलाफ समिति का गठन किया गया
असहयोग आंदोलन
✅सितंबर 1920 में कांग्रेस के कलकत्ता अधिवेशन में महात्मा गांधी ने खिलाफत आंदोलन के समर्थन व राज्य के लिए एक असहयोग आंदोलन शुरू करने का विचार किया में
✅गांधी जी ने अपनी प्रसिद्ध पुस्तक हिंद स्वराज में ब्रिटिश शासन के बारे में लिखा था कि ब्रिटिश शासन भारतीयों के सहयोग से स्थापित हुआ है अब भर्तियों के सहयोग से ही चल पाएगा
✅गिरमिटिया मजदूर के लिए विदेशों में भारतीय उपनिवेशवाद द्वारा ले जाए गए मजदूरों को गिरमिटिया मजदूर कहते हैं
✅इसमें वल्लभ भाई पटेल ने गुजरात के वर्दी तालुका में किसान आंदोलन का नेतृत्व किया
✅1922 में चोरा चोरी के कांड के असहयोग आंदोलन को वापस लेने का फैसला लिया गया
✅1927 में साइमन कमीशन का गठन किया गया और 1928 में भारत पहुंचा जिसे साइमन कमीशन वापस जाओ के नारे से स्वागत किया गया
✅1929 में जवाहर लाल नेहरू की अध्यक्षता में कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन में पूर्ण स्वराज की मांग को औपचारिक रूप से मान लिया गया कि 26 जनवरी 1930 को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाएगा
सविनय अवज्ञा आंदोलन
✅सविनय अवज्ञा आंदोलन 12 मार्च 1930 को 78 अनुयायियों के साथ दांडी मार्च किया और अप्रैल को समुद्र तट पर पहुंचकर नाम नमक कानून का उल्लंघन किया नमक कानून के उल्लंघन के साथ ही सविनय अवज्ञा आंदोलन की शुरुआत हुई |
✅5 मार्च 1921 में गांधीजी का इरविन के साथ समझौते पर सहमति बनी कि गोल में सम्मेलन में सहमत सम्मिलित होना चाहते संलित होगी
✅1927 में भारतीय वाणिज्य उद्योग का गठन किया
✅अंबेडकर ने दलितों को दलित वर्ग एसोसिएशन में गठित किया
✅1932 में पूना पैक्ट पर हस्ताक्षर किया आजादी के बाद उपाध्याय के उपन्यास आनंदमठ से वंदे मातरम गीत प्रसिद्ध हुआ
प्रश्न 1. सही विकल्प चुनकर लिखिए :-
1. भारत में राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना कब हुई थी?
(अ) 1884 (ख) 1882 (स) 1885 (द) 1886
उत्तर - (स) 1885
2.गांधी जी ने बिहार में चंपारण आंदोलन किस वर्ष शुरू किया?
(अ) 1917 (ब) 1916 (स) 1930 (द ) 1915
उत्तर - (ब) 1916
3. 1929 में लेजिस्लेटिव असेंबली पर बम किसने फेंका था?
(अ) भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त
(ब) चंद्रशेखर आजाद और रामप्रसाद बिस्मिल
(स) शचींद्रनाथ सान्याल और चमनलाल
(द) भगत सिंह और चंद्रशेखर आजाद
उत्तर - (अ) भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त
4. गांधी इरविन समझौता कब हुआ था?
(अ) 10 मार्च 1931. (ब) 5 मार्च 1931
(स) 7 मार्च 1931. (द) 8 मार्च 1931
उत्तर - (ब) 5 मार्च 1931
5. गांधीजी दक्षिण अफ्रीका से भारत वापस कब आए?
(अ) 1905 (ब) 1915 (स) 1919 (द) 1921
उत्तर - (ब) 1915
6. गांधीजी ने सत्याग्रह का पहला प्रयोग भारत में किस स्थान पर किया?
(अ) चम्पारन (ब) यरवदा (स) खेड़ा (द) अहमदाबाद
उत्तर - (अ) चम्पारन
7. हिन्द स्वराज पुस्तक के लेखक कौन थे?
(अ) जवाहर लाल नेहरू (ब) मोहनदास करमचंद गांधी
(स) वल्लभभाई पटेल (द) भीमराव अम्बेडकर
उत्तर - (ब) मोहनदास करमचंद गांधी
8. सितम्बर 1920 का कांग्रेस अधिवेशन कहाँ हुआ था?
(अ) दिल्ली (ब) मुम्बई (स) कोलकाता (द) नागपुर
उत्तर - द) नागपुर
9.भारतमाता का पहला चित्र किसने बनाया था?
(अ) महात्मा गांधीजी (ब) रवीन्द्रनाथ टैगोर
(स) अवनींद्रनाथ टैगोर (द) बंकिमचंद्र चटर्जी
उत्तर - (स) अवनींद्रनाथ टैगोर
10. लोक गाथा गीत, बाल गीत और मिथकों को एकत्र करने का कार्य भारत में किसने किया?
(अ) महात्मा गांधी (ब) रवीन्द्रनाथ टैगोर
(स) अवनींद्रनाथ टैगोर (द) बंकिमचंद्र चटर्जी
उत्तर - (ब) रवीन्द्रनाथ टैगोर
11. सत्याग्रह क्या है?
(अ) हथियारों की ताकत (ब) विशुद्ध आत्मिक बल
(द) प्रेम और स्नेह (स) भौतिक बल
उत्तर - (ब) विशुद्ध आत्मिक बल
12. प्रथम विश्व युद्ध का समय है-
(अ) 1914-1918 (ब) 1939-1945
(स) 1905-1915 (द) 1920-1922
उत्तर - (अ) 1914-1918
13. गांधीजी भारत कब लौटे थे?
(अ) 1915 (ब) 1916 (स) 1917 (द) 1918
उत्तर - (अ) 1915
14. गांधीजी ने असहयोग संबंधी विचार किस किताब में लिखे थे?
(अ) हिंदुत्व (ब) हिंद स्वराज (स) प्रार्थना (द) सत्य के मेरे प्रयोग
उत्तर - (ब) हिंद स्वराज
15. हथियारबंद आदिवासी किसे ईश्वर का अवतार मानते थे? गया कानून था -
(अ) महात्मा गांधी को (ब) बाबा रामचंद्र को
(स) सीताराम राजू को (द) सरदार पटेल को
उत्तर - (स) सीताराम राजू को
16. बागानों में काम करने वाले मजदूरों को बिना इजाजत बागान के बाहर निकलने की छूट नहीं थी। इसके लिए बनाया
(अ) इंडेन्वर्ड लेबर (ब) इनलैंड इमिग्रेशन एक्ट
(स) रोलेट एक्ट (द) कार्न लॉ
उत्तर - (ब) इनलैंड इमिग्रेशन एक्ट
17. साइमन कमीशन के खिलाफ प्रदर्शन में हुए लाठीचार्ज से शहीद हुए-
(अ) बाल गंगाधर तिलक (ब) विपिनचंद्र पाल
(स) लाला लाजपतराय (द) अरविंद घोष
उत्तर - (स) लाला लाजपतराय
18. पूना पैक्ट, दमित वर्ग एसोशिएशन तथा संविधान से संबंधित हैं-
(अ) महात्मा गांधी (ब) ज्योतिबा फुले
(स) डॉ अम्बेडकर (द) सी आर दास
उत्तर - (स) डॉ अम्बेडकर
19. सेवाग्राम आश्रम स्थित है-
(अ) साबरमती में (ब) वर्धा मे (स) इलाहाबाद में (द) चम्पारण में
उत्तर - (ब) वर्धा मे
20. अवनींद्रनाथ टैगोर द्वारा बनाए गए चित्र में भारत माता के हाथ में फूल है तथा वे हाथी और शेर के बीच खड़ी हैं। इस चित्र में हाथी और शेर प्रतीक हैं-
(अ) जंगली जानवर के (ब) शक्ति और सत्ता के
(स) रंगों के (द) किसी के नहीं
उत्तर - (ब) शक्ति और सत्ता के
21. " हिन्द स्वराज "पुस्तक किसने लिखी थी?
(अ) महात्मा गाँधी (ब) सुभाष चन्द्र बोस
(स) महर्षि अरविन्द (द) सरदार वल्लभभाई पटेल
उत्तर - (अ) महात्मा गाँधी
22. चौरी-चौरा की घटना कब हुई थी ?
(अ) 5 फरवरी, 1922 ई. (ब) 8 नवंबर, 1924 ई.
(स) 10 फरवरी, 1927 ई. (द) 9 अप्रैल, 1930 ई.
उत्तर - (अ) 5 फरवरी, 1922 ई.
23. रॉलेट एक्ट कब पारित हुआ
(अ) 1918 ई. (ब) 1919 ई
(स) 1920 ई. (द) 1921 ई.
उत्तर - (ब) 1919 ई
24. रौलेट एक्ट के विरोध में देशव्यापी हड़ताल कब हुई?
(अ) 10 जनवरी, 1919 ई.
(ब) 13 मार्च, 1919 ई.
(स) 25 जून, 1919 ई.
(द) 6 अप्रैल, 1919 ई.
उत्तर - (द) 6 अप्रैल, 1919 ई.
25. स्वतंत्रता आन्दोलन के दौरान वीर सेनानी भगत सिंह ने कौनसा प्रसिद्ध नारा दिया था?
(अ) दिल्ली चलो (ब) करो या मरो
(स) इन्कलाब जिंदाबाद (द) स्वराज हमारा जन्म सिद्ध अधिकार हैं
उत्तर - (स) इन्कलाब जिंदाबाद
26. पूर्ण स्वतंत्रता' का प्रस्ताव कब पारित हुआ ?
अ) 25 जून 1928 ई. (ब) 31 दिसंबर 1929 ई.
(स) 17 अगस्त 1930ई. (द) 2जुलाई 1947 ई.
उत्तर - (ब) 31 दिसंबर 1929 ई.
उत्तर-1. (स) 2. (ब) 3.(अ) 4. (ঘ) 5. (ब) 6. (अ) 7. (4) 8. (ব) 9. (स) 10. (ब) 11. (ब) 12. (अ) 13. (अ) 14. (ब) 15. (स) 16. (ब) 17. (स) 18. (स) 19. (ब) 20. (ब) 21. (अ) 22. (अ) 23. (ब) 24. (द) 25. (स) 26. (ब)
प्रश्न- 2. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
1. मार्च 1919 में बम्बई..........कमेटी का गठन किया गया।(खिलाफत/असहयोग)
उत्तर - खिलाफत कमेटी,
2. असहयोग-खिलाफत आंदोलन ....1920.......मेआंरभ हुआ।
(1920/1922)
3. 1929 में भगतसिंह और बटुकेश्वरदत्त ने असेंबली में बम फेंका। (असेंबली रेल्वे स्टेशन)
4. दुसरा गोलमेज सम्मेलन लंदन में हुआ।
5. आनंदमठ उपन्यास के लेखक......बंकिमचंद्र....... हैं। खिलाफत (बंकिमचंद्र रवीन्द्रनाथ)
6. बंगाल स्वदेशी आंदोलन के दौरान तैयार तिरंगा झंडा में हरा, लाल और पीला रंग थे। (पीला/नारंगी)
7. अवनींद्रनाथ टैगोर के पूर्ववर्ती चित्रकार ......रवि वर्मा...थे। (रवि वर्मा/नटेसा शास्त्री)
8. महात्मा गाँधी के साथ......78..........विशवस्त सहयोगियों ने नमक यात्रा शुरू की। (88/78)
9. न्यूकैसल से ....ट्रांसवाल...तक महात्मा गांधी ने दक्षिण अफ्रीका में सत्याग्रह मार्च निकाला। (डर्बन/ ट्रांसवाल)
10. बहिष्कार के दौरान .....कपड़े......का सर्वाधिक बहिष्कार हुआ ॥ (स्कूल/कपड़े)
11.जलियाँवाला बाग की घटना 13 अप्रैल 1919 ई.
को घटित हुई? (13 अप्रैल 1919 ई./ 19 अप्रैल 1919 ई.) 11.
12. सन 1918 में गांधीजी सूती कपड़ा कारखानों के मजदूरों के बीच सत्याग्रह आंदोलन चलाने अहमदाबाद नगर पहुचे थे |
(
प्रश्न-3. सही जोड़ी बनाइए
स्तम्भ 'क' स्तम्भ 'ख'
(i) गांधीजी का भारत आगमन 1915
(ii) रॉलेट एक्ट 1919
(iii) हिंद स्वराज 1909
(iv) सविनय अवज्ञा आंदोलन 1930
(v) असहयोग आंदोलन 1920
(vi) पूर्ण स्वराज की मांग 1929
स्तम्भ 'क'. स्तम्भ 'ख'
(i) महात्मा गांधी सत्याग्रह
(ii) बाबा रामचंद्र गिरमिटिया मजदूर
(iii) वल्लभ भाई पटेल बरदोली सत्याग्रह
(iv) अल्लूरी सीताराम राजू रम्पा विद्रोह
(v) भगत सिंह इंकलाब जिंदाबाद
(vi) अवनींद्रनाथ टैगोर भारत माता
प्रश्न- 4. एक शब्द/वाक्य में उत्तर दीजिए ?
1. अंग्रेजों द्वारा भारत के लोगों को जबरदस्ती सेना में भर्ती करने को क्या कहा गया ?
उत्तर - जबरन भर्ती,
2. भगत सिंह का प्रसिद्ध नारा कौन सा था?
उत्तर - इन्कलाब जिंदाबाद
3. साइमन कमीशन भारत कब आया ?
उत्तर - 1928
4. भारत छोड़ों आंदोलन कब शुरू हुआ था ?
उत्तर - 1942
5. बेगार का क्या अर्थ है?
उत्तर - बिना किसी पारिश्रमिक के काम करवाना |
6. बारदोली सत्याग्रह का नेतृत्व किसने किया था ?
उत्तर - सरदार वल्लभभाई पटेल,
7. असहयोग आन्दोलन कब शुरू हुआ था ?
उत्तर - 1920
8. चौरी-चौरा काण्ड कब हुआ था ?
उत्तर - फ़रवरी 1922
9. नमक कानून का उल्लंघन गाँधीजी के द्वारा कब किया गया था?
उत्तर - 06 अप्रैल 1930,
10. सविनय अवज्ञा आन्दोलन कब शुरू हुआ ?
उत्तर - 12 मार्च 1930 को दांडी मार्च से
11. भगत सिंह-राजगुरू-सुखदेव को किस वर्ष फाँसी की सजा हुई थी ?
उत्तर - 23 मार्च 1931,
12. किस महान स्वतंत्रता सेनानी का निधन साइमन कमीशन के विरोध के दौरान घायल होने से हुआ ?
उत्तर - लाला लाजपतराय
13. करो या मरों का नारा किस आन्दोलन की उपज है?
उत्तर - भारत छोडो आन्दोलन
14. साइमन कमीशन भारत कब आया ?
उत्तर - 1928
15. अवध किसान सभा का गठन किन लोगों के नेतृत्व में हुआ था ?
उत्तर - जवाहर लाल नेहरु तथा बाबा रामचंद्र
16. "बहिष्कार' शब्द का अर्थ क्या है?
उत्तर - किसी के साथ संपर्क रखने तथा जुड़ने से इनकार करना,
17. जलियांवाला बाग हत्याकाण्ड कब और कहाँ हुआ ?
उत्तर - 1919 को अमृतसर में,
18. 1917 में गाँधीजी ने बिहार के चंपारन इलाके का दौरा क्यों किया ?
उत्तर - तिनकठिया पद्धति के खिलाफ
19. "पिकेटिंग' शब्द का आशय क्या है?
उत्तर - विरोध के दौरान किसी फैक्ट्री, दुकान या दफ्तर का रास्ता रोक लेना,
20. 1859 का 'इग्लैंड इमिग्रेशन एक्ट' क्या था?
उत्तर - श्रमिकों को बिना अनुमति चाय बागन छोड़ने की अनुमति नहीं थी,
21. स्वराज पार्टी का गठन कब और किसने किया ?
उत्तर - 1 जनवरी, 1923 को देशबन्धु चित्तरंजन दास तथा मोतीलाल नेहरु ने,
22. बारदोली सत्याग्रह क्या है?
उत्तर - भू राजस्व के खिलाफ गुजरात के किसानों का आन्दोलन
23. कांग्रेस के किस अधिविशन में असहयोग कार्यक्रम पर स्वीकृति की मोहर लगी ?
उत्तर - नागपुर अधिवेशन दिसम्बर 1920
24. पूना पैक्ट क्या था ?
उत्तर - अंग्रेजों के सांप्रदायिक निर्णय के खिलाफ गाँधी जी और आंबेडकर के बीच समझौता,
25. क्रांति मानवजाति का जन्मजात अधिकार है, जिसका अपहरण नहीं किया जा सकता। यह किसने कहा था?
उत्तर - भगत सिंह
प्रश्न-5. सत्य/असत्य लिखिए
1. 1939 में भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त ने लेजिस्लेटिव असेंबली में बम फेका।
उत्तर - असत्य
2. 1927 में भारतीय वाणिज्य एवं उदयोग परिसंघ (फिक्की) का गठन हुआ।
उत्तर - सत्य
3. डॉ. अंबेडकर द्वारा मार्च 1933 में दलित वर्ग एसोसिएशन की स्थापना की गई।
उत्तर - असत्य
4. 5 फरवरी 1922 को चौरी-चौरा की घटना हुई।
उत्तर - सत्य
5. अब्दुल गफ्फार खांन और महात्मा गाँधी दोनों अच्छे मित्र थे।
उत्तर - सत्य
6. 1859 में इग्लैंड इमीग्रेश्सन एक्ट लाया गया।
उत्तर - सत्य
7. अल्लूरी सीताराम को ईश्वर का अवतार माना जाता था।
उत्तर - सत्य
8. जॉन टोरी अमेरिका के प्रधानमंत्री थे।
उत्तर - असत्य
9. सेवाग्राम आश्रम नागपुर में स्थित है।
उत्तर -असत्य
10. करो या मरो का नारा सुभाषचंद्र बोस ने दिया था।
उत्तर -असत्य
पाठ्यपुस्तक आधारित प्रश्नोत्तर .
1. व्याख्या करें
प्रश्न (क) उपनिवेशों में राष्ट्रवाद के उदय की प्रक्रिया उपनिवेशवाद विरोधी आंदोलन से जुड़ी हुई क्यों थी ?
उत्तर - विभिन्न यूरोपीय महाशक्तियों जैसे ब्रिटेन, फ्रांस, पुर्तगाल, नीदरलैंड आदि ने अफ्रीका तथा एशियाई देशों को आर्थिक और राजनीतिक रूप से गुलाम बना लिया था। इन देशों की जनता को इन विदेशी शासकों के खिलाफ संघर्ष करना पड़े। इन्हीं संघर्षों से भारत को भी प्रेरणा मिली। उपनिवेशों में राष्ट्रवाद के उदय की प्रक्रिया उपनिवेशवाद विरोधी आंदोलन से निम्नलिखित कारणों से जुड़ी हुई थी :-
1. वियतनाम तथा अन्य उपनिवेशों की तरह भारत में भी आधुनिक राष्ट्रवाद के उदय की घटना उपनिवेशवाद विरोधी आंदोलन के साथ जुड़ी हुई थी।
2. औपनिवेशक शासकों द्वारा उत्पीड़न और दमन के कारण विभिन्न समूह एक-दूसरे के समीप आ गए थे और आपसी एकता का महत्व समझने लगे।
3. जनता में एक दूसरे के प्रति उत्तरदायित्व की भावना लगे
4. विभिन्न वर्गों और समूहों जिनके लिए स्वतंत्रता का अलग-अलग अर्थ था, को महात्मा गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस ने इकड्डा करके एक विशाल आंदोलन कर दिया।
प्रश्न (ख) पहले विश्वयुद्ध ने भारत में राष्ट्र आंदोलन के विकास में किस प्रकार योगदान दिया?
उत्तर
पहले विश्वयुद्ध में भारत ने सीधे तौर पर हिस्सा नहीं लिया था और न ही यह युद्ध भारत की भूमि पर लड़ा गया था फिर भी भारतीय लोगों ने ब्रिटेन की तरफ से इस युद्ध में भागीदारी की। और युद्ध में ब्रिटेन पर पड़े हर बोझ को भारत को सहन करना पड़ा था। इस युद्ध के कारण निम्नलिखित कारणों ने भारत में राष्ट्रीय आंदोलन के विकास में योगदान दिया:-
1. प्रथम विश्व युद्ध के कारण एक नई धार्मिक और राजनीतिक स्थिति पैदा होने से रक्षा व्यय में काफी वृद्धि हो गई।
2. युद्ध में होने वाले खर्च को पूरा करने के लिए कर्ज लिए गए, करों में वृद्धि की गई, सीमा शुल्क बढ़ा दिया गया और आय पर कर लगा दिया गया।
3. युद्ध के समय कीमतें तेजी से बढ़ रही थी। 1913 से 1918 के बीच कि कीमतें दोगुनी हो गई जिसके कारण साधारण जनता की कठिनाइयां बढ़ गई।
4. गांव में युवकों को जबरदस्ती सेना में भर्ती किया गया, जिसके कारण ग्रामीणों में व्यापक गुस्सा था।
5. 1918-1919 और 1920-1921 में देश के अनेक भागों में फसल खराब हो जाने से खाद्य पदार्थों की कमी हो गई। जिसके कारण भूख से भी लोग मरने लगे।
6. उसी समय फ्लू की महामारी भी फैल गई। 1921 की जनगणना के अनुसार अकाल और बीमारी के कारण लगभग 120 - 130 लाख लोग मारे गए लोगों को उम्मीद थी कि युद्ध के बाद हालात बदलेंगे किन्तु ऐसा नहीं हुआ और. भारत में राष्ट्रवादी भावनाओं को बल मिला।
प्रश्न (ग) भारत में लोग रौलेट एक्ट के विरोध में क्यों थे? imp ********
*
उत्तर
प्रथम विश्वयुद्ध के बाद रूस में बोल्शिविकों का तथा जर्मनी में नाजीवादियों का प्रभाव बढ़ रहा था ब्रिटिश सरकार को आशंका थी कि भारत के क्रांतिकारियों को इनसे मदद मिल रही है। सरकार को डर सता रहा था कि कोई आंदोलन अवश्य होगा। अतः अराजकता और क्रांतिकारी गतिविधियों को रोकने के लिए एक अधिनियम लाया गया जिसका भारतीयों द्वारा विरोध किया गया क्योंकि :-
1. इस कानून के जरिए किसी भी भारतीय नागरिक को राजनीतिक कैदी के रूप में दो साल तक बिना मुकदमा चलाए जेल में बंद करने का प्रावधान था।
2. बिना सर्च वारंट के शंका के आधार पर किसी भी नागरिक के घर की तलाषी का अधिकार पुलिस को दिया गया।
3. महात्मा गांधी ऐसे अन्याय पूर्ण कानूनों के विरुद्ध अहिंसक ढंग से नागरिक अवज्ञा चाहते थे। और इसे काला कानून की संज्ञा दी और लोगों ने रॉलट एक्ट का विरोध किया।
प्रश्न (घ) गांधी जी ने अहसयोग आंदोलन को वापस क्यों लिया? imp *****
उत्तर
अहसयोग आंदोलन अपने पूरे चरम पर था। जब महात्मा गांधी ने 1922 में इसे वापस ले लिया। इस आंदोलन को वापस लेने के दो मुख्य कारण थे-
1. महात्मा गांधी अहिंसा और शांति के समर्थक के थे जब उन्हें पता चला की चौरी-चौरा के पुलिस थाने में आग लगा कर 22 पुलिस वालों को हत्या कर दी तो वो परेशान हो गए।
2. उन्होंने सोचा यदि आंदोलन हिंसक हों जाए तो अंग्रेज सरकार और उग्र हों जाएगी और बहुत निर्दोष लोग मारे जाएंगे। इसलिए महात्मा गांधी ने अहसयोग आंदोलन वापस ले लिया।
प्रश्न 2. सत्याग्रह के विचार का क्या मतलब है?
उत्तर
सत्याग्रह शारीरिक बल नहीं है अपितु यह शुद्ध आत्मबल है। जिसको निम्नलिखित प्रकार से समझा जा सकता है:-
1. सत्याग्रह के विचार में सत्य की शक्ति पर आग्रह और सत्य की खोज पर जोर दिया जाता था। इसका अर्थ यह था, कि यदि आप का उद्देश्य सच्चा है, यदि आपका संघर्ष अन्याय के विरुद्ध है तो उत्पीड़क का मुकाबला करने के लिए आपको किसी शारीरिक बल की आवश्यकता नहीं है।
2. सत्याग्रह के विचार में प्रतिशोध या बदले की भावना लिए बिना सत्याग्रही केवल अहिंसा के बल पर ही अपने संघर्ष में सफल हो सकता है।
3. उत्पीड़क शत्रु को ही नहीं बल्कि सभी लोगों को हिंसा की अपेक्षा सत्य को स्वीकार करने पर विवश करने के स्थान पर, सच्चाई bhgytgको देखने और सहज भाव से स्वीकार करने के लिए प्रेरित करना चाहिए।
4. इस संघर्ष में अंत में जीत सत्य की ही होती है। गांधी जी का विश्वास था कि अहिंसा का यह धर्म सभी भारतीयों को एकता के सूत्र में बांध सकता है। क्योंकि जब सच्चाई के साथ लड़ाई लड़ी जाती है तो अंत में जीत सच्चाई की ही होती है। इसलिए गांधी जी का भी यही विश्वास था कि अंत में जीत सत्य की ही होगी।
3. निम्नलिखित पर अखबार के लिए रिपोर्ट लिखें-
प्रश्न (क) जलियांवाला बाग हत्याकांड
उत्तर
जलियांवाला बाग हत्याकांड- 13 अप्रैल 1919 हिंदुस्तान के एक पवित्र शहर अमृतसर में अंग्रेजों ने किया मौत का तांडवा सम्पूर्ण देश में शोक के साथ रोष का माहौल। ज्ञात हो कि अंग्रेजों द्वारा जबरन लाए गए रोलेट एक्ट के विरोध में बड़े नेतृत्वकर्ता महात्मा गांधी और सत्य पाल किचलू को गिरफ्तार किया गया इस गिरफ्तारी का विरोध करने के लिए 1913 को वैशाखी पर्व के दिन जलियांवाला बाग में जनसभा का आयोजन किया गया था। बाग शहर से बाहर होने के कारण लोगों को यह पता नहीं था, कि इलाके में मार्शल लॉ लागू किया जा चुका है। अमृतसर के प्रशासक जनरल डाबर ने इस सभा में कुछ सिपाहियों के साथ अवैध तरीके से घुसपैठ की और उन्होंने वहां गोलियां चलवाई थी। इसमें सैकड़ों लोगों की मौत हो गई इस हत्याकांड पर रिपोर्ट मांगने के लिए ब्रिटिश सरकार में हंटर कमीशन की स्थापना की और इस आयोग की रिपोर्ट के बाद जनरल डायर को सम्मान दिया गया जिसमें उसने बताया कि वह भारतीयों के मन में दहशत और विस्मय के भाव पैदा करना चाहता था।
समस्त समाचार पत्रों से निवेदन है कि प्रमुखता से इस खबर को प्रकाशित कर भारतीय जनता के दुःख में भागीदार बनें तथा निर्दयी अंग्रेज सरकार के खिलाफ विश्व जनमत तैयार करने में सहयोग करें।
सादर धन्यवाद
प्रश्न (ख) साइमन कमीशन
उत्तर
साइमन कमीशन- 22 फरवरी 1928
1919 एक्ट के तहत यह निर्णय लिया गया था कि प्रत्येक 10 साल बाद सुधारों का मूल्यांकन किया जाएगा इसी के लिए इंग्लैंड की टोरी सरकार ने भारत में कमीशन भेजा जिसका नाम साइमन कमीशन था 1928 में जॉन साइमन की अध्यक्षता में एक आयोग भारत आया इस कमीशन का उद्देश भारतीयों के हितों का देखभाल करना था जबकि इसमें एक भी भारतीय नहीं था इसलिए भारतीय ने इस मिशन का बहिष्कार किया और साइमन गो बैक के नारे लगाए जब आयोग लाहौर पहुंचा तो लाला लाजपत राय प्रदर्शन कर रहे थे पुलिस के लाठीचार्ज में लाला लाजपत राय घायल हो गए और उनकी मृत्यु हो गई। सभी समाचार पत्रों से अनुरोध है कि साइमन कमीशन के माध्यम से अंग्रेजों द्वारा किए जा रहे अत्याचारों को प्रमुखता से अखबारों में प्रकाशित कर भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन को सहयोग प्रदान करें।
सादर धन्यवाद
प्रश्न 4. भारत माता की छवि और जर्मनिया की छवि की तुलना करें।
उत्तर
फिलिप वेट ने अपने राष्ट्र को जर्मीनिया के रूप में प्रस्तुत किया है। इसमें बलूत वृक्ष के पत्तों का मुकुट पहने हुए दिखाई गई है क्योंकि बलूत जर्मन वीरता का प्रतीक है। भारत में भी अवनींद्रनाथ टैगोर ने भारत को भारत माता का रूप में दिखाया है एक चित्र में उन्होंने माता को भोजन कपड़े देती हुई दिखाया है एक और चित्र में माता शेर और हाथी के बीच खड़ी है और उसके हाथ में त्रिशूल दिखाया गया। इस प्रकार चित्रात्मक प्रतीकों के माध्यम से राष्ट्र को एक दैवीय स्वरूप प्रदान कर उसके लिए त्याग और बलिदान की भावना जगाई गई। इन छवियों की तुलना निम्नलिखित प्रकार से की जा सकती है :-
1. भारत माता की छवि भारतीय राष्ट्रीयता का प्रतीक थी जबकि जर्मनिया जर्मन राष्ट्रीयता का प्रतीक थी।
2. भारत माता की छवि पर सांप्रदायिकता का आरोप लगा जबकि जर्मनिया की छवि के साथ ऐसा कुछ भी नहीं हुआ।
3. भारत माता को एक हिंदू देवी के रूप में चित्रित किया गया है। उसके हाथ में त्रिशूल है। जिस पर राष्ट्रीय ध्वज लगा है। वह हाथी और शेर के बीच खड़ी है। दोनों ही सत्ता और शक्ति के प्रतीक हैं। जबकि जर्मनिया बलूत वृक्ष के पत्तों का मुकुट पहनती है, क्योंकि बलूत वीरता का प्रतीक है। जर्मनिया के चित्र को सूती झंडे पर बनाया गया था। दोनों तस्वीरों में महिला को पारंपरिक परिधानों से सजाया गया है।
चर्चा करें -
प्रश्न 1. 1921 में असहयोग आंदोलन में शामिल होने वाले सभी सामाजिक समूह की सूची बनाइए। इसके बाद उनमें से किन्ही तीन को चुनकर उनकी आशाओं और संघर्षों के बारे में लिखते हुए यह दर्शाइए कि वे आंदोलन में शामिल क्यों हुए।
उत्तर -
1921 ई. में असहयोग में शामिल होने वाले विभिन्न सामाजिक समूहों की सूची निम्नलिखित है:
1. मध्यवर्गीय लोग जैसे शिक्षक, वकील, विद्यार्थी आदि।
2. व्यापारी वर्ग।
3. मद्रास की जस्टिस पार्टी छोड़कर अन्य सभी राजनीतिक दल |
4. अवध के किसान।
5. सीताराम राजू के नेतृत्व में आंध्र प्रदेश के किसाना
6. बागान के श्रमिका
ब. ऊपर लिखित तीन समूह ने निम्नलिखित कारणों से असहयोग आंदोलन में भाग लिया
क. आंध्र प्रदेश के आदिवासी :-
1. प्रदेश की गुडेम पहाड़ियों में 1920 के दशक के आरंभ में एक उग्र गुरिल्ला आंदोलन फैल गया।
2. यहां अंग्रेजी सरकार ने बड़े जंगलों में लोगों के प्रवेश पर रोक लगा दी थी।
3. लोग इन जंगलों में न तो पशुओं को चरा सकते थे,न ही ईधन और बीज आदि प्राप्त कर सकते थे। इससे न केवल उनकी रोजी-रोटी पर असर पड़ रहा था, बल्कि वे यह भी अनुभव कर रहे थे कि उनके परंपरागत अधिकार छीने जा रहे हैं। इस कारण से पहाड़ी लोगों में गुस्सा था।
4. जब लोगों को सड़क बनाने के लिए बेगार करने के लिए विवश किया गया तो उन्होंने विद्रोह कर दिया।
5. विद्रोहियों का नेतृत्व करने वाले अल्लूरी सीताराम राजू में लोगों का विश्वास था तथा लोग उसे ईश्वर का अवतार मानते थे।
6. राजू महात्मा गांधी का गुणगान करता था। उसने लोगों को खादी पहनने और शराब न पीने के लिए प्रेरित किया। उनका कहना था कि भारत अहिंसा के बल पर नहीं बल्कि हिंसा के प्रयोग से ही आजाद हो सकता है।
7. गुडेम विद्रोहियों ने पुलिस पर हमले किए और अंग्रेज अधिकारियों को मारने की कोशिश की तथा स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए गुरिल्ला युद्ध करते रहे।
8. 1924 ई. में राजू को फांसी दे दी गई लेकिन उस समय तक वे लोकनायक बन चुके थे।
ख. बागान के श्रमिक :-
1. श्रमिकों के लिए स्वतंत्रता का अर्थ था कि वे अपने गावों के संपर्क में रहेंगे।
2. असम के बागान श्रमिकों के लिए आजादी का अर्थ था कि वे उन चारदिवारियो से जब चाहे आ-जा सकते हैं जिनमें उन्हें बंदी बनाकर रखा गया था।
3. 1859 के इंग्लैंड इमीग्रेशन एक्ट के अनुसार बागानों में काम करने वाले श्रमिकों को बिना अनुमति बागान से बाहर जाने की छूट नहीं थी।
4. असहयोग आंदोलन के कारण हजारों मजदूर अपने अधिकारियों की अवहेलना करने लगे। उन्होंने बागान छोड़ दिए और घर चले गए।
5. उन्हें अब यह आशा हो गई थी कि गांधी राज आने पर प्रत्येक को गांव में जमीन मिल जाएगी।
6. रेलवे और स्टीमरो की हड़ताल के कारण वे रास्ते में ही फंस गए। उन्हें पुलिस ने पकड़ लिया और बुरी तरह पिटाई की।
ग. अवध के किसान :-
1. अवध के सन्यासी बाबा रामचंद्र जो पहले फिजी में गिरमिटिया मजदूर के रूप में काम कर चुके थे, किसानों का नेतृत्व कर रहे थे।
2. उनका यह आंदोलन उन तालुकदारों और जमींदारों के विरुद्ध था जो किसानों से बहुत अधिक लगान और अनेक प्रकार के कर ले रहे थे तथा उनसे बेगार भी करवाते थे।
3. पट्टेदारों के पट्टे निश्चित नहीं थे बल्कि उन्हें बार-बार पट्टे से हटा दिया जाता था ताकि उनका अधिकार न हो सके।
4. किसान चाहते थे कि लगान कम किया जाए, बेगार खत्म की जाए और दमनकारी जमींदारों का बहिष्कार किया जाए।
5. अनेक स्थानों पर जमींदारों को नाईदू धोबी से वंचित रखने के लिए भी निर्णय लिए गए।
6. जून, 1920 में जवाहर लाल नेहरू ने अवध के गांव में जाकर वहां के किसानों की व्यथा सुनी। अक्टूबर तक अनेक नेताओं के नेतृत्व में अवध किसान सभा का गठन हो गया और एक ही महीने में 300 से भी अधिक शाखाएं बन गई।
7. 1921 के असहयोग आंदोलन में कांग्रेस के अवध के किसान संघर्ष को इस आंदोलन में शामिल करने का प्रयास किया।
प्रश्न 2. नमक यात्रा की चर्चा करते हुए स्पष्ट करें कि यह उपनिवेशवाद के खिलाफ प्रतिरोध का एक असरदार प्रतीक था।
उत्तर - नमक यात्रा की चर्चा इस प्रकार है:-
भारत में नमक पर कर आरंभिक काल से ही लगाया जाता रहा है। परंतु मुगल सम्राटों की अपेक्षा इस्ट इंडिया कंपनी के शासन काल में इसमें अत्यधिक वृद्धि कर दी गई। 1835 में इस पर ब्रिटिश नमक व्यापारियों के हितों के लिए कर लगा दिया गया। जिससे भारत में नमक का आयात होने लगा और ईस्ट इंडिया कंपनी के व्यापारियों को बहुत फायदा हुआ। 1858 के सत्ता परिवर्तन के बाद भी कर लगा रहा। भारतीयों द्वारा इसकी आरंभ से ही निंदा की गई। 1885 के कांग्रेस के पहले सम्मेलन में एस ए स्वामीनाथन अय्यर ने यह मुद्दा उठाया। बाद में गांधीजी ने 1930 में इसे व्यापक मुद्दा बना दिया।
भारत नमक को छोड़कर लगभग अन्य सभी खाद्य सामग्रियों के मामले में आत्मनिर्भर था किन्तु नमक जो कि भारतीय रसोई का मुख्य अंग था उस नमक पर कर लगाना हर भारतीय को बुरा लगता था। गांधीजी पूर्ण स्वराज के मुद्दे को घर घर तक पहुँचाने के लिए ऐसे ही किसी युक्ति की तलाश में थे।
देश को संगठित करने के लिए गांधी जी ने नमक कानून तोड़कर शक्ति का परिचय दिया तथा 31 जनवरी, 1930 को वायसराय इरविन को पत्र लिखकर अपनी 11 मांगों का उल्लेख किया। गांधीजी अपनी मांगों के द्वारा समाज के सभी वर्गों को अपने आंदोलन में शामिल करना चाहते थे। गांधी जी की सबसे महत्वपूर्ण मांग नमक कर को खत्म करने की थी, क्योंकि नमक का प्रयोग अमीर-गरीब सभी करते थे।
गांधी जी का इरविन को लिखा गया पत्र एक चेतावनी की तरह था, क्योंकि उसमें लिखा गया था कि यदि उनकी मांगों को ।। मार्च तक पूरा नहीं किया गया तो कांग्रेस सविनय अवज्ञा आंदोलन आरंभ कर देगी। उनमें नमक कर का उल्लेख प्रमुखता से किया गया था।
गांधी जी ने नमक कानून को तोड़ने के लिए 12 मार्च 1930 को अपने 78 वालंटियरो के साथ 240 किलोमीटर की पैदल यात्रा 24 दिन (08 अप्रैल 1930) में पूरी की।
गांधीजी अपने आश्रम से दांडी तक की पैदल यात्रा में जहां भी रुकते, हजारों लोग उनके भाषण सुनते। उन्होंने स्वराज का अर्थ स्पष्ट किया तथा लोगों को कहा कि अंग्रेजों का कहना न मानें। लोगों ने जगह जगह नमक बनाकर नमक यात्रा को सफल बनाया वास्तव में यह सत्याग्रह और अहिंसा की जीत थी।
प्रश्न 3.कल्पना कीजिए कि आप सिविल नाफरमानी (सविनय अवज्ञा) आंदोलन में हिस्सा लेने वाली महिला है। बताइए कि इस अनुभव का आपके जीवन में क्या अर्थ होता?
उत्तर
तत्कालीन भारतीय समाज में औरतों को घर की चहारदीवारी तक ही सीमित रखा जाता था किन्तु अमीर तथा सम्पन्न परिवारों की महिलाएं धीरे धीरे पदों से बाहर आने लगी थीं। यदि मैं सिविल नाफरमानी आंदोलन में हिस्सा लेने वाली एक महिला होती तो इस अनुभव का मेरे जीवन में बहुत सारे अर्थ होते। जैसे:-
1. पर्दे के पीछे रहने वाली भारतीय महिलाओं के लिए सविनय अवज्ञा आंदोलन में हिस्सा लेना वास्तव में गर्व की बात थी।
2. गांधी जी ने महिलाओं की आंतरिक शक्ति को पहचाना और उन्हें राष्ट्रवादी आंदोलन में भाग लेने का मौका दिया।
3. इससे महिलाओं को समाज में पुरुषों के बराबर सम्मान मिलेगा उनका जीवन स्तर ऊंचा होगा।
4. राष्ट्रवादी आंदोलन में महिलाओं के भाग लेने का अर्थ गृहकार्यों से छुटकारा नहीं है, क्योंकि गांधीजी भी मानते हैं कि घर की जिम्मेदारी मुख्यतः महिलाओं की है।
सविनय अवज्ञा आंदोलन में हिस्सा लेकर मैं राष्ट्र निर्माण में भागीदारी कर सकूंगी। इसमें हिस्सा लेना मेरे लिए किसी प्रोत्साहन से कम नहीं होगा। मेरी जो जिम्मेदारी होगी मैं उसे पूरी अच्छी तरह से निभाऊंगी।
प्रश्न 4. राजनीतिक नेता पृथक निर्वाचिका के सवाल पर क्यों बंटे हुए थे?
उत्तर -
विभिन्न भारतीय राजनीतिक नेता समाज के अलग-अलग वर्गों का नेतृत्व कर रहे थे। डॉ. बी. आर. अंबेडकर दलितों के नेता थे जबकि जिन्ना मुसलमानों का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। सभी नेता अपने संप्रदाय विशेष के जीवन स्तर में सुधार के लिए अलग निर्वाचन क्षेत्र और राजनीतिक अधिकार चाहते थे।
अखिल भारतीय कांग्रेस पार्टी इस तरह की मांगों के विरुद्ध थी क्योंकि इससे राष्ट्रीय एकता पर विपरीत प्रभाव पड़ता था। इसलिए इस मांग के विरोध में गांधी जी एक बार आमरण अनशन पर भी बैठे थे। इस प्रकार ऊपर लिखित कारणों से ही राजनीतिक नेता पृथक निर्वाचित के सवाल पर बंटे हुए थे।
02 अंकों के लिए प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. खिलाफत आंदोलन क्यों हुआ था ?****
उत्तर - खिलाफत आंदोलन का मुख्य उद्देश्य तुर्की खलीफा के पद को पुनः स्थापित करना तथा वहाँ के धार्मिक क्षेत्रों से प्रतिबंधों को हटाना था।
प्रश्न 2. रौलेट एक्ट से आप क्या समझते हैं?
उत्तर
अंग्रेजों द्वारा 1919 में पारित किया गया एक ऐसा कानून जिसमें किसी भी भारतीय को बिना मुकदमा चलाए जेल में बंद किया जा सकता था |
प्रश्न 3. दांडी यात्रा का क्या उद्देश्य था ?***
उत्तर
दांडी यात्रा का मुख्य उद्देश्य समुद्र के पानी से नमक बनाकर अंग्रेजी नमक कानून का उल्लंघन करना था।
प्रश्न 4.गाँधी इरविन पैक्ट अथवा दिल्ली समझौता क्या था ?
उत्तर -
सविनय अवज्ञा आंदोलन की व्यापकता ने अंग्रेजी सरकार को समझौता करने के लिए बाध्य किया। 05 मार्च 1931 को गाँधी जी और लॉड इरविन के बीच दिल्ली में जो समझौता हुआ उसे गाँधी इरविन समझौता अथवा दिल्ली समझौता कहा गया।
प्रश्न 5.चम्पारण सत्याग्रह के बारे में आप क्या जानते हो ?
उत्तर -
बिहार के चम्पारण में नील की खेती करने वाले किसानों पर हो सहे अत्याचार के खिलाफ गाँधीजी ने सत्य और अंहिंसा के माध्यम से जो आंदोलन चलाया उसे चम्पारण आंदोलन कहते है।
प्रश्न 6. सत्याग्रह से क्या तात्पर्य है?
उत्तर
प्रथम दृष्टया सत्याग्रह दुर्बलों के हथियर के रूप में निष्क्रिय प्रतिरोध की तरह दिखाई देता है किंतु सत्याग्रह वास्तव में शारीरिक बल नहीं अपितु शुद्ध आत्मबल है।
प्रश्न 7. अल्लूरी सीताराम राजू कौन थे?*****
उत्तर
आंध्रप्रदेश की गूडेम पहाड़ियों में 1920 के दशक में नये वन कानूनों के लगाए जाने के प्रतिरोध में आदिवासियों का विद्रोह हुआ। जिसका नेतृत्व अल्लूरी सीताराम राजू ने किया।
प्रश्न 8. कांग्रेस के किस अधिवेशन में पूर्ण स्वाधीनता की माँग की गई तथा इस अधिवेशन के अध्यक्ष कौन थे ?
उत्तर
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन 1929 में पूर्ण स्वाधीनता की माँग की गई। इस अधिवेशन के अध्यक्ष जवाहरलाल नेहरू थे।
03 एवं 04. अंकों के लिए प्रश्नोत्तर-
प्रश्न 1.भारत में राष्ट्रवाद के उदय के सामाजिक कारणों पर प्रकाश डालें।***
उत्तर - भारतीय राष्ट्रवाद के उदय के सामाजिक कारणों में प्रमुख था। अंग्रेजों की प्रजातीय विभेद की नीति। अंग्रेज अपने को श्रेष्ठ
तथा भारतीयों को उपेक्षा तथा हेय की दृष्टि से देखते थे। भारतीयों पर अनेक प्रतिबंध थे जैसे रेलगाड़ी, क्लबा, होटलों में वे सफर या प्रवेश नहीं कर सकते थे, जिसमें अंग्रेज हों। सरकारी सेवाआ में अंग्रेजों की पक्षपातपूर्ण नीति ने भी राष्ट्रवाद की भावना को प्रेरित किया। सरकारी नागरिक सेवा में भारतीयों का प्रवेश काफी मुश्किल था। बहुत बार परीक्षा में सफल होने के बाद भी उन्हें या तो नियक्त नहीं किया जाता था या अकारण नोकरी से हटा दिया जाता था। सुरेन्द्रनाथ बनर्जी के साथ भी ऐसा ही किया गया। न भारतीय शिक्षित मध्यम वर्ग मर्माहत हो गया जिसने राष्ट्रवाद के विकास म महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।
प्रश्न 2.प्रथम विश्वयुद्ध का भारत पर क्या प्रभाव पड़ा? व्याख्या कीजिए ।
उत्तर
प्रथम विश्वयद्ध का भारत पर गहरा प्रभाव पड़ा था। विश्वयद्ध के आर्थिक और राजनीतिक परिणामों से राष्ट्रीय आंदोलन भी प्रभावित हुआ। ब्रिटेन ने भारतीय नेताओं की सहमति लिए बिना भारत को युद्ध में घसीट लिया था। कांग्रेस, उदारवादियों और भारतीय रजवाड़ों ने इस उम्मीद से अंग्रेजी सरकार को समर्थन दिया कि युद्ध के बाद उन्हें स्वराज की प्राप्ति होगी, परंतु ऐसा नहीं हुआ। प्रथम विश्वयुद्ध ने भारतीय अर्थव्यवस्था को अव्यवस्थित कर दिया जिससे जनता की स्थिति काफी बेहतर हो गई। विश्वयुद्ध का प्रभाव राजनीतिक गतिविधियों पर भी पड़ा। विश्वयुद्ध के दौरान क्रांतिकारी गतिविधियाँ काफी बढ़ गई तथा राष्ट्रवादी आंदोलन को बल मिला।
प्रश्न 3. साइमन कमीशन का गठन क्यों किया गया? भारतीयों ने इसका विरोध क्यों किया ?"*****
उत्तर
1919 ई० के 'भारत सरकार अधिनियम में यह व्यवस्था की गई थी कि दस वर्ष के बाद एक ऐसा आयोग नियक्त किया जाएगा जो इस बात की जाँच करेगा कि इस अधिनियम में कौन-कौन से परिवर्तन संभव है। अतः ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने समय से पूर्व सर जॉन साइमन के नेतृत्व में 8 नवंबर, 1927 को साइमन कमीशन की स्थापना की। इसके सभी 7 सदस्य अंग्रेज थे। इस कमीशन का उद्देश्य संवैधानिक सुधार के प्रश्न पर विचार करना था। इस कमीशन में किसी भी भारतीय को शामिल नहीं किया गया जिसके कारण भारत में इस कमीशन का तीव्र विरोध हुआ।
प्रश्न 4. मुस्लिम लीग ने भारतीय राजनीति को किस प्रकार प्रभावित किया?
उत्तर
मुस्लिम लीग ने कांग्रेस के विरुद्ध अंग्रेजी सरकार का साथ दिया। इस कारण सरकार ने मुसलमानों को पृथक निर्वाचन क्षेत्र, व्यवस्थापिका सभा में प्रतिनिधित्व आदि सुविधाएँ दी थी। इन सुविधाओं के कारण हिंदू तथा मुसलमानों में मतभेद उत्पन्न हुआ जिससे राष्ट्रीय आंदोलन पर बुरा असर पड़ा। जिन्ना के नेतत्व में लौग ने 14- सूची माँग रखकर भारत के विभाजन में अंग्रेजों की सहायता की।
प्रश्न 5. स्वराज पार्टी की स्थापना एवं उद्देश्य की विवेचना करें।
उत्तर
असहयोग आंदोलन की एकाएक समाप्ति से उत्पन्न निराशा और क्षोभ का प्रदर्शन 1922 में कांग्रेस के गया अधिवेशन में हुआ जिसके अध्यक्ष चितरंजन दास थे। चितरंजन दास और मोती लाल नेहरू ने कांग्रेस से असहमत होकर पदत्याग करते हुए 1922 ई० में स्वराज पार्टी की स्थापना की।
स्वराज पार्टी के नेताओं का मुख्य उद्देश्य था देश के विभिन्न निर्वाचनों में भाग लेकर व्यावसायिक सभाओं एवं सार्वजनिक संस्थाओं में प्रवेश कर सरकार के कामकाज में अवरोध पैदा किया जाए। वे अंग्रेजों द्वारा भारत में चलाई गयी सरकारी परंपराओं का अंत चाहते थे। उनकी नीति थी नौकरशाही की शक्ति को कमजोर कर दमनकारी कानूनों का विरोध करना और राष्ट्रीय शक्ति का विकास करना एवं आवश्यकता पड़ने पर पदत्याग कर सत्याग्रह में भाग लेना।
प्रश्न 6. गाँधीजी ने खिलाफत आंदोलन को समर्थन क्यों दिया ? *****
उत्तर
गाँधीजी ने हिन्दू-मुस्लिम एकता के लिए खिलाफत आंदोलन का समर्थन किया, क्योंकि गाँधीजी को भारत में एक बड़ा जन-आंदोलन 'असहयोग आन्दोलन' चलाना था।
प्रश्न 7. चंपारण आंदोलन कब हुआ तथा इसके क्या कारण थे ?*****
उत्तर चंपारण आंदोलन अप्रैल 1917 ई० में बिहार के चंपारण जिले में हुआ था। बिहार में गोरों द्वारा तिनकठिया व्यवस्था प्रचलित थी जिसमें किसान को अपनी भमि के 3/20 हिस्से में नील की खेती करनी होती थी। किसान नील की खेती नहीं
करना चाहते थे क्योंकि इससे भमि की उर्वरा कम हो जाती थी। उसे उत्पादन का उचित कीमत भी नहीं मिलता था जिससे उसकी स्थिति दयनीय हो गई थी। किसानों के पक्ष को लेकर महात्मा गाँधी ने चंपारण में सत्याग्रह आंदोलन की शुरुआत की। ब्रिटिश सरकार को अंततः झुकना पड़ा।
प्रश्न 8.गाँधीजी ने असहयोग आंदोलन क्यों आरंभ किया? यह प्रथम जनआंदोलन कैसे था? IMP ****
उत्तर
रॉलेट कानून, जालियाँवाला बाग हत्याकांड के विरोध में तथा खिलाफत आंदोलन के समर्थन में गाँधीजी ने असहयोग आंदोलन चलाने का निर्णय लिया। इसका उद्देश्य स्वराज्य की प्राप्ति था। इसमें समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों ने पहली बार व्यापक रूप से भाग लिया। शहरी मध्यमवर्ग की इसमें मुख्य भागीदारी रही। ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों, मजदूरों तथा आदिवासियों ने भी इस आंदोलन में भाग लिया। इस प्रकार, यह प्रथम जनआदोलन बन गया।
प्रश्न 9. 1932 के पूना समझौता का क्या परिणाम हुआ ?
उत्तर
26 सितंबर, 1932 को पूना में गाँधीजी और डा० अंबेडकर के बीच पूना समझौता हुआ जिसके परिणामस्वरूप दलित वर्गों (अनुसूचित जातियों) के लिए प्रांतीय और केंद्रीय विधायिकाओं में स्थान आरक्षित कर दिए गए। गाँधीजी ने अपना अनशन तोड़ दिया और हरिजनोद्धार कार्यों में लग गए।
प्रश्न 10. रौलेट एक्ट से आप क्या समझते हैं? इसका विरोध क्यों हुआ ? ******
उत्तर
भारत में बढ़ती हुई राष्ट्रवादी घटनाओं एवं असंतोष को दबाने के लिए रौलेट एक्ट को लाया गया था जिसके अंतर्गत सरकार किसी भी व्यक्ति को बिना साक्ष्य एवं वारंट के भी गिरफ्तार कर सकती थी। इस अधिनियम के अंतर्गत एक विशेष न्यायालय के गठन का प्रावधान था जिसके निर्णय के विरुद्ध कोई अपील नहीं की जा सकती थी। इसीलिए इसका विरोध हुआ।
प्रश्न 11. गाँधीजी ने दांडी यात्रा क्यों की? इसका क्या परिणाम हुआ |
अथवा
नमक सत्याग्रह पर एक टिप्पणी लिखें।
उत्तर -
नमक के व्यवहार और उत्पादन पर सरकारी नियंत्रण था। गाँधीजी इसे अन्याय मानते थे एवं इसे समाप्त करना चाहते थे। नमक कानून भंग करने के लिए 12 मार्च, 1930 को गाँधीजी अपने 78 सहयोगियों के साथ दांडी यात्रा (नमक यात्रा) पर निकले। वे 6 अप्रैल, 1930 को दांडी पहुँचे। वहाँ पहुँचकर उन्होंने समुद्र के पानी से नमक बनाकर नमक कानून भंग किया। इसी के साथ नमक सत्याग्रह (सविनय अवज्ञा आंदोलन) आरंभ हुआ और शीघ्र ही पूरे देश में फैल गया।
प्रश्न12. खिलाफत आंदोलन के क्या कारण थे? अथवा, खिलाफत आंदोलन पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखें।
उत्तर
'तुर्की का सुल्तान' खलीफा इस्लामी जगत का धर्मगुरु भी था। सेवर्स की संधि द्वारा उसकी शक्ति और प्रतिष्ठा नष्ट कर दी गई। इससे भारतीय मुसलमान उद्वेलित हो गए। खलीफा को पुराना गौरव या उसकी प्रतिष्ठा को पुनर्स्थापित करने के लिए 1919 में अली बंधुओं ने खिलाफत समिति बनाकर आदोलन करने की योजना बनाई। 17 अक्टूबर, 1919 को खिलाफत दिवस मनाया गया। 1924 में तुकीं के शासक मुस्तफा कमाल पाशा द्वारा खलीफा के पद को समाप्त कर देने से खिलाफत आंदोलन स्वतः समाप्त हो गया।
प्रश्न 13. सविनय अवज्ञा आंदोलन के क्या कारण थे ?******
उत्तर
सविनय अवज्ञा आंदोलन के प्रमुख कारण थे-
(1) साइमन कमीशन का बहिष्कार तथा नेहरू रिपोर्ट को अस्वीकार किया जाना,
(ii) 1929-30 की विश्वव्यापी आर्थिक मंदी,
(iii) भारत में समाजवादी का बढ़ता प्रभाव,
(iv) गाँधीजी के 11 सूत्री मांगों को मानने से इरविन का इनकार,
(v) पूर्ण स्वराज की माँग।
प्रश्न 14. गाँधी इरविन पैक्ट अथवा दिल्ली समझौता क्या था ?*******
उत्तर सविनय अवज्ञा आंदोलन की व्यापकता ने अंग्रेजी सरकार को समझौता करने के लिए बाध्य किया। 5 मार्च, 1931 को वायसराय लार्ड इरविन तथा गाँधीजी के बीच समझौता हुआ जिसे दिल्ली समझौता के नाम से भी जाना जाता है। इसके तहत गाँधीजी ने आंदोलन को स्थगित कर दिया तथा वे द्वितीय गोलमेज सम्मेलन में भाग लेने हेतु सहमत हो गए।
प्रश्न 15. असहयोग आंदोलन में चौरी-चौरा की घटना का क्या महत्त्व है?
उत्तर असहयोग आंदोलन पूर्णतः अहिंसक आंदोलन था जिसमें हिंसा का कोई स्थान नहीं था। लेकिन 5 फरवरी, 1922 को गोरखपुर (उत्तरप्रदेश) के चौरा-चौरी नामक स्थान पर आंदोलनकारियों की भीड़ ने पुलिस थाना पर हमला कर अनेक पुलिसकर्मियों को जिंदा जला दिया। इस घटना से गाँधीजी काफी दुखित हुए और उन्होंने तत्काल असहयोग आंदोलन को वापस लेने का निर्णय किया।
प्रश्न 16. भारत के राष्ट्रीय आन्दोलन में जनजातीय समूह की क्या भूमिका थी, वर्णन करें।
उत्तर - भारत के राष्ट्रीय आन्दोलन में जनजातिय लोगों की प्रमुख भूमिका रही। 19 वीं शताब्दी की तरह 20 वीं शताब्दी में भी भारत के अनेक भागों में आदिवासी विद्रोह हुए। इन विद्रोहों में रम्पा विद्रोह, अलमरी विद्रोह, उड़ीसा का खोड़ विद्रोह, यह 1914 से 1920 तक चला। 1917 में मयूरभंज में संथालों ने एवं मणिपुर में 'पोडोई कुकियों ने विद्रोह किया था। 1930 में सविनय अवज्ञा आन्दोलन के समय पश्चिमोत्तर प्रांत का जनजातियों ने तीव्र राष्ट्रवादी भावना दिखायी। दक्षिण बिहार के आदिवासियों ने भी राष्ट्रीय चेतना का परिचय दिया। इस प्रकार भारत के कोने-कोने से आदिवासी जनता ने समय समय पर राष्ट्रीय आन्दोलन में भाग लिया।
प्रश्न 17. असहयोग आंदोलन का कारण और परिणाम लिखिए।
उत्तर
महात्मा गांधी का मानना था कि भारत में ब्रिटिश शासन भारतीयों के सहयोग से ही स्थापित हुआ है और यह शासन इसी सहयोग के कारण चल पा रहा है। अगर भारत के लोग अपना सहयोग वापस ले लें तो साल भर के भीतर ब्रिटिष शासन वह जाएगा और स्वराज की स्थापना हो जाएगी। अतः विभिन्न कारणों से असहयोग आंदोलन आरंभ हुआ जिनमें से प्रमुख निम्नलिखित हैं :-
1. प्रथम विश्वयुद्ध :- पहले विश्व युद्ध में भारतीयों ने अंग्रेजों को इस उम्मीद के साथ मदद की थी कि युद्ध के बाद स्वराज प्राप्त हो जाएगा किन्तु ऐसा नहीं हुआ। बल्कि युद्ध के दौरान ही अनेक गांवों में जबरन भर्ती से नाराजगी का माहौल बन गया और जनता में रोष हो गया। गांधीजी इस रोष को व्यापक रूप देना चाहते थे। और असहयोग आंदोलन की बात उन्होंने कही।
2. रौलेट एक्ट : एक तरफ भारतीय युद्ध के बाद कुछ अच्छे की उम्मीद कर रहे थे किन्तु अंग्रेजों ने भारतीय क्रांतिकारियों और राजनीतिक अराजकता को रोकने की आड़ में एक काला कानून ले आए जिसे रोलेट एक्ट कहा गया। इसके माध्यम से अंग्रेजी सरकार किसी भी भारतीय को बिना पूर्व सूचना दिए गिरफ्तार कर सकती थी। पुलिस कभी भी किसी भी समय घर को सर्च कर सकती थी। इससे भारतीयों में गुस्सा छा गया और वे विरोध करने लगे।
3. जलियांवाला बाग :- रोलेट एक्ट के विरोध में अमृतसर के जलियांवाला बाग में एक शांतिपूर्ण चल रही सभा पर ब्रिटिष सरकार ने गालियां चलवा दी जिसमें सैंकड़ों निहत्थे लोग मारे गए जिसका गुस्सा पूरे देश में फैल गया।
4. ब्रिटिश सरकार के खिलाफ गुस्से को गांव गांव तक पहुंचाना जलियांवाला बाग के बाद जब लोगों में गुस्सा देखा तो गांधी जी ने इस गुस्से को सम्पूर्ण भारत के एक एक नागरिक तक ले जाने का प्रयास आरंभ कर दिया।
5. खिलाफत के सवाल पर मुसलमानों में असंतोष गांधीजी भारत के हिन्दू और मुसलमान को एक बार फिर एकजुट कर 1857 के संग्राम की तरह अंग्रेजों के खिलाफ देखना चाहते थे। तभी तुर्की के खलीफा के साथ दुर्व्यवहार की खबरों से सारे मुसलमान अंग्रेजां से नाराज हो गए। भारत में भी ऐसा ही हुआ। गांधीजी ने इसे अच्छा अवसर माना और जिसकी परिणति असहयोग आंदोलन के रूप में सामने आई।
असहयोग आंदोलन के परिणाम :-
1. जनता में चेतना ओर निर्भीकता का संचार हुआ।
2. राष्ट्रीय आंदोलन एक जन आंदोलन में बदल गया।
3. सामाजिक विषमता तथाअमीरी गरीबी और बेरोजगारी को दूर करने का वातावरण बना।
4. साम्प्रदायिक सौहार्द का माहौल बना।
प्रश्न 18. असहयोग आंदोलन का उद्देश्य, कार्यक्रम, एवं महत्त्व लिखिए ?
उत्तर
उद्देश्य -
1. जलियांवाला बाग हत्याकांड का विरोध
2. रोलेट एक्ट का विरोध
3. ब्रिटिश सरकार की वादाखिलाफी का विरोध
4. स्वराज्य की प्राप्ति
कार्यक्रम-
सरकारी नौकरियों उपाधियों का त्याग करना।
विधानमंडल एवं सरकारी अदालतों का बहिष्कार करना
सरकारी स्कूलों व कालेजों का बहिष्कार करना
सरकारी करो की अदायगी न करना
विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार तथा स्वदेशी वस्तुओं का उपयोग करना,
असहयोग आंदोलन का महत्व-
यह आंदोलन देश का प्रथम राष्ट्रीय आंदोलन था जिसमें सभी धर्मों क्षेत्र के लोग सम्मिलित हुए
इस आंदोलन से राजनीतिक चेतना का विकास हुआ
कांग्रेस दल की नीतियों में परिवर्तन हुआ है
यह आंदोलन अहिंसात्मक आंदोलन था।
प्रश्न 19 'स्वदेशी' और 'बहिष्कार' का क्या अर्थ है?
उत्तर
स्वदेशी - भारतीय स्वतंत्रता का आंदोलन एक महत्वपूर्ण आंदोलन, सफल राजनीति व दर्शन का था। स्वदेशी का अर्थ है- 'अपने देश का' इस रणनीति का लक्ष्य ब्रिटेन में बने माल का बहिष्कार करना तथा भारत में बने माल का अधिकाधिक प्रयोग करके साम्राज्यवादी ब्रिटेन को आर्थिक हानि पहुंचाना व भारत के लोगों के लिए रोजगार सृजन करना था। यह ब्रिटिश शासन को उखाड़ फेंकने और भारत की समग्र आर्थिक व्यवस्था के विकास के लिए अपनाया गया साधन था।
बहिष्कार-बहिष्कार का अर्थ केवल विदेशी वस्तुओं के बहिष्कार से नहीं था अपितु इसका व्यापक अर्थ सरकारी सेवाओं प्रतिष्ठानों तथा उपाधियों का बहिष्कार करना था।
प्रश्न 20. सांस्कृतिक प्रक्रियाओं ने भारत में सामूहिक अपनेपन की भावना पैदा करने में कैसे मदद की? समझाइए।
उत्तर
(अ) सामूहिक अपनेपन की भावना आंशिक रूप से एकजुट संघर्षों के अनुभव और औपनिवेशिक सरकार के खिलाफ लोगों के बीच बढ़ते गुस्से के माध्यम से आई थी।
(ब) लेकिन कई तरह की सांस्कृतिक प्रक्रियाएं भी थीं जिनके माध्यम से राष्ट्रवाद ने लोगों की कल्पना पर कब्जा कर लिया:
(i) साहित्य, गीत, पेंटिंग आदि के माध्यम से बनाई गई भारत माता की एक आकृति या छवि के प्रतीक राष्ट्र की पहचान।
(ii) राष्ट्रवादी भावनाओं को बढ़ाने के लिए भारतीय लोककथाओं को पुनर्जीवित करने के लिए आंदोलना
(iii) लोगों को एकजुट करने और उनमें राष्ट्रवाद की भावना को प्रेरित करने में प्रतीकों और प्रतीकों की भूमिका।
(iv) इतिहास की पुनर्व्याख्या के माध्यम से राष्ट्रवाद की भावना पैदा करना था।

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